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भालू भटक कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में घुसा, अफरातफरी मची

जंगल से भटका भालू आज सुबह-सुबह सक्ती नगर के रिहायसी इलाके में आ घुसा, जिसकी खबर फैलते ही लोगों में उत्सुकता के बीच दहशत का वातावरण बना रहा.....

भालू भटक कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में घुसा, अफरातफरी मची
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जांजगीर। जंगल से भटका भालू आज सुबह-सुबह सक्ती नगर के रिहायसी इलाके में आ घुसा, जिसकी खबर फैलते ही लोगों में उत्सुकता के बीच दहशत का वातावरण बना रहा। किसी तरह इसकी सूचना वन अमले को दी गई। जिसके कर्मचारी-अधिकारी जब तक पहुंचे भालू सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सक्ती के पास एक पेड़ में चढ़ा मिला। जिसे सुरक्षित नीचे उतारने विभाग बेबस नजर आया और बिलासपुर से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई। जिसके अथक प्रयास के बाद शाम 4 बजे ट्रेंकूलाइजर के जरिये भालू को पकड़ा जा सका।

सक्ती नगर के व्यस्ततम इलाके में लोग सुबह के मार्निंग वाक के लिये हास्पिटल परिसर में घुम रहे थे, इसी दौरान कॉलोनी वासियों ने देखा कि विशालकाय भालू जो लगभग 5 से 7 साल पुराना लग रहा था और हास्पिटल परिसर के गार्डन के पास घुम रहा था, जिसे देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे और लोगों का हल्ला सुनकर भालू आनन-फानन में गार्डन के बेर की पेंड़ पर जा चढ़ा। दहशत में आये लोगों के द्वारा इसकी सूचना तत्काल सक्ती थाना प्रभारी को सुबह 4.30 बजे दी गई,परंतु थाना प्रभारी द्वारा लोगों की बातों को हल्के में लेते रहे। सुबह 8 बजे तक न तो मौके पर पुलिस ही पहुंची थी न ही वन विभाग की टीम पहुंच पाई। इसे लेकर नगरवासियों में निराशा बनी रही। उधर दहशत के बीच कौतूहल वश लोग भालू को देखने निकल पड़े थे।

भीड़भाड़ वाले इलाके में भटक कर आये जंगली भालू के प्रति इस तरह की लापरवाही से लोगों की जान जोखिम में आ सकता था। क्योंकि अस्पताल में सुबह से ही मरीजों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में पुलिस व वन विभाग का देर से हरकत में आना लोगों को नागवार गुजरा। जिस पेड पर भालू चढ़ा हुआ था, उससे मात्र 15 मीटर की दूरी पर हास्पिटल के कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी स्थित है। साथ ही नगर के मध्य होने के कारण चारो तरफ लोगों का आना-जाना लगा हुआ रहता है। जब नगरवासियों सहित मीड़िया ने इस बात की जानकारी सक्ती अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री बर्मन को दी तो उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों सहित वन परिक्षेत्र अधिकारी चांपा को इसकी सूचना दी तथा पुलिस अधीक्षक जांजगीर अजय यादव को भी दी गई, तब कही जाकर सरकारी अमला पूरी तरह हरकत में आया और करीब 8.30 बजे पुलिस व वन अमले की टीम मौके पर पहुंची और फिर भालू को सुरक्षित नीचे उतारने की रणनीति बनने लगी।

रेस्क्यू ऑपरेशन से पकड़ा गया भालू
करीब 12 घंटे तक भूखा-प्यासा पेड़ में चढ़े रहने के बाद वन विभाग की निर्देश पर कानन पेण्डारी बिलासपुर से पहुुंचे रेस्क्यू की टीम ने घंटे भर मशक्कत के बाद उसे पकड़ने में सफलता हासिल किया है। इस दौरान रेस्क्यू की टीम ने उसे ट्रंकोलाईजर की पहली डोज से बेहोश करने का प्रयास किया, जिससे भालू शांत तो पड़ गया, जिसे नीचे उतारा जा रहा था इसी बीच विशालकाय भालू सड़क पर भागने लगा, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। रेस्क्यू टीम ने भालू का पीछा किया, जो आगे एक संकरी गली में जा घुसा और फिर बेहोश हो गया। जिसे पिंजड़े में बंद कर टीम अपने साथ बिलासपुर ले गई है। पूरा 12 घंटे तक चले इस मशक्कत से भालू के पकड़े जाने से लोगों की जान में जान आई।

दोपहर 2 बजे पहुंची रेस्क्यू टीम
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री बर्मन ने बताया कि मेरे द्वारा इसकी जानकारी वन विभाग एवं पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई है तथा जैजैपुर वन विभाग की टीम तथा डीएफओ के द्वारा रेस्क्यू टीम बिलासपुर को सूचना कर दी गई थी, जिसके पहुंचने तक भालू को पेड़ में ही सीमित रखने की कोशिश की जाती रही और दोपहर 2 बजे के आसपास रेस्क्यू टीम पहुँचने के बाद भालू को पकड़ने की कवायद शुरू की गई।

भालू को सुरक्षित निकालकर बिलासपुर भेजा गया-डीएफओ
इस संबंध में डीएफओ सतोविशा समाजदार ने बताया कि सक्ती अस्पताल परिसर में भालू घुसने व पेड़ पर चढ़ने की सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम कानन पेण्डारी से बुलाई गई थी, जिसके द्वारा उसे पकड़कर कानन पेण्डारी ले जाया गया है और पकड़े गये भालू की सेहत पूरी तरह से ठीक है।


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