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वॉलमार्ट छोड़ रहा चीन का साथ, भारत की ओर बढ़ रहा झुकाव

अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट भारत से निर्यात बढ़ा रही है, जिससे उसकी चीन पर निर्भरता कम हो रही है. आंकड़ों के मुताबिक 2018 में अमेरिका में 80 प्रतिशत शिपमेंट चीन से आया जो कि 2023 में घटकर 60 प्रतिशत हो गया.

वॉलमार्ट छोड़ रहा चीन का साथ, भारत की ओर बढ़ रहा झुकाव
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वॉलमार्ट भारत से अमेरिका में अधिक सामान आयात कर रहा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा देखे गए आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी लागत में कटौती और अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही है.

डाटा कंपनी 'इंपोर्ट यति' द्वारा रॉयटर्स के साथ साझा किए गए बिल ऑफ लैडिंग आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने इस साल जनवरी और अगस्त के बीच अपने अमेरिकी आयात का एक चौथाई हिस्सा भारत से भेजा. जबकि अगर साल 2018 का डाटा देखा जाए तो कंपनी ने सिर्फ दो फीसदी आयात ही भारत से किया था.

चीन अभी भी निर्यात करने वाला बड़ा देश

इसी डाटा से यह भी जानकारी मिलती है कि समान अवधि के दौरान इसका केवल 60 प्रतिशत शिपमेंट चीन से आया, जो 2018 में 80 प्रतिशत से कम है. हालांकि, सामान आयात करने के लिए चीन अभी भी वॉलमार्ट का सबसे बड़ा देश है.

यह बदलाव दर्शाता है कि कैसे चीन से आयात की बढ़ती लागत और वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव बड़ी अमेरिकी कंपनियों को भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों से अधिक आयात करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

अमेरिका में खरीदार ऊंची ब्याज दरों और खाने-पीने के सामानों के ऊंचे दाम का सामना कर रहे हैं, जिससे वहां घरेलू बचत कम हो रही है और वॉलमार्ट और अन्य रिटेल विक्रेताओं को ग्राहकों के खर्च के प्रति अपने दृष्टिकोण में सतर्क होने के लिए प्रेरित होना पड़ रहा है.

वॉलमार्ट की सोर्सिंग एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आंद्रिया अलब्राइट ने एक इंटरव्यू में कहा, "हम सबसे अच्छी कीमतें चाहते हैं. इसका मतलब है कि हमें अपने सप्लाई चेन में लचीलेपन की जरूरत है. हम अपने प्रोडक्ट्स के लिए किसी एक सप्लायर या भौगोलिक क्षेत्र पर निर्भर नहीं रह सकते हैं क्योंकि हम लगातार तूफान और भूकंप से लेकर कच्चे माल की कमी तक चीजों का प्रबंधन कर रहे हैं."

वॉलमार्ट के लिए क्यों अहम भारत

वॉलमार्ट ने एक बयान में कहा बिल ऑफ लैडिंग डाटा ने जो कुछ भी प्राप्त किया उसकी आंशिक तस्वीर पेश की है और इससे ज्यादा का "जरूरी मतलब नहीं है" कि कंपनी अपने किसी भी सोर्सिंग मार्केट पर निर्भरता कम कर रही है.

वॉलमार्ट ने कहा, "हम एक ग्रोथ बिजनेस हैं और अधिक उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं." अलब्राइट ने कहा, "भारत उस उत्पादन क्षमता के निर्माण के वॉलमार्ट के प्रयासों में एक प्रमुख घटक के रूप में उभरा है."

वॉलमार्ट 2018 से ही भारत में विकास को गति दे रहा है. उस साल वॉलमार्ट ने भारत की सबसे बड़ी ई-कॉर्मस कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. उसके दो साल बाद कंपनी ने 2027 तक हर साल भारत से 10 अरब डॉलर का सामान आयात करने की प्रतिबद्धता जताई.

भारत से क्या-क्या आयात कर रहा वॉलमार्ट

अलब्राइट के मुताबिक वॉलमार्ट भारत से खिलौनों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, साइकिल और फार्मास्यूटिकल्स अमेरिका भेज रहा है. उन्होंने बताया कि भारत से अमेरिका जाने वाला डिब्बाबंद भोजन, सूखा अनाज और पास्ता भी लोकप्रिय है.

भारत का शेयर बाजार इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. उसे कम लागत, बड़े पैमाने पर उत्पादन में चीन से बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है.

साल 2002 में वॉलमार्ट ने बेंगलुरू में अपना सोर्सिंग ऑपरेशन शुरू किया था. अब कंपनी देश में अपने वॉलमार्ट ग्लोबल टेक इंडिया यूनिट, फ्लिपकार्ट ग्रुप, फोनपे और सोर्सिंग ऑपरेशंस के तहत कई कार्यालयों में फैले अस्थायी श्रमिकों समेत एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है.


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