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700 किमी दूर अपने घर पैदल ही चल दिए, कहा 'जिंदा रहें या मर जाएं, चलना नहीं छोड़ेंगे'

चाहे हम जिंदा रहें या ना रहें, यह भगवान के ऊपर है, लेकिन हम मध्यप्रदेश में अपने गांव चलकर जाएंगे।

700 किमी दूर अपने घर पैदल ही चल दिए, कहा जिंदा रहें या मर जाएं, चलना नहीं छोड़ेंगे
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नई दिल्ली | चाहे हम जिंदा रहें या ना रहें, यह भगवान के ऊपर है, लेकिन हम मध्यप्रदेश में अपने गांव चलकर जाएंगे। यह कथन दमोह के घनश्याम की है, जो 50 लोगों के समूह के साथ नई दिल्ली से पैदल ही अपने घर जाने के लिए रवाना हुआ है। कोरोनावायरस महामारी की वजह से लागू महाबंदी में इन लोगों के पास ना तो अन्न बचा है और ना ही पैसा।

इन लोगों ने मंगलवार को ही राष्ट्रीय राजधानी से अपनी यात्रा की शुरुआत की, क्योंकि रेलवे मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए वातानुकूलित ट्रेनों के लिए पैसे इनके पास नहीं हैं।

लगभग 40 साल के घनश्याम ने कहा कि न तो हमारे पास स्मार्टफोन है और न ही हमें इंटरनेट के प्रयोग करने के बारे में पता है।

उन्होंने कहा, "सरकार कैसे सोच सकती है कि हम ट्रेन टिकट बुक करने में सक्षम होंगे। और जो ट्रेन चल रही है, वह एसी ट्रेन है जो कि हमारे पहुंच से बाहर है। हम यह खर्च वहन नहीं कर सकते। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए हमने अपने गृह जिला पैदल ही जाने का निर्णय किया।"

दमोह नई दिल्ली से करीब 750 किलोमीटर दूर है। इन 50 लोगों के समूह में दो से चार वर्ष के सात से आठ बच्चे और अपने सिर पर सामान का बोझ उठाए कुछ बुजुर्ग शामिल हैं। इन लोगों से उत्तरप्रदेश के नोएडा के नई दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस वे पर बातचीत की आईएएनएस के संवाददाता ने।

पन्ना जिले के राकेश ने कहा, "हम पैदल ही मध्यप्रदेश जा रहे हैं, क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं हैं"

राकेश दिल्ली में मकान बनाने के काम से जुड़ा हुआ है और उसे 23 मार्च के बाद लॉकडाउन लागू होने के बाद कोई काम नहीं मिला।

राकेश ने कहा, "हमलोग पास के ही कम्युनिटी किचन से खाना खाते हैं। लेकिन तीन दिन पहले ही उन्होंने इसे बंद कर दिया। हमारे पास राशन खरीदने के लिए राशन नहीं था और घर जाने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प बचा नहीं।"

यह पूछे जाने पर कि कितने दिन में वह घर पहुंच जाएगा, इसपर उन्होंने कहा, "हम 15-20 दिन में घर पहुंच जाएंगे।"

रविवार को रेलवे ने नई दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस की तरह 15 जोड़ी एसी ट्रेन चलाने की घोषणा की थी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये ट्रेन शुरुआती चरण में स्पेशल एसी ट्रेन के रूप में नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी जाएगी।

सभी एसी ट्रेनों की स्टॉपेज बहुत सीमित होगी और इसका भाड़ा राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन जितना होगा। रेलवे ने कहा है कि कन्फर्म टिकट वालों को ही स्टेशन में प्रवेश करने दिया जाएगा और यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल एसिम्पटोमिक (बिना लक्षण वाले) यात्रियों को ही यात्रा की इजाजत होगी।


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