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व्यापम मामला : सीबीआई कोर्ट ने 3 लोगों को 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई

मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को व्यापम से संबंधित एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए धोखाधड़ी के एक मामले में पांच लोगों को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई

व्यापम मामला : सीबीआई कोर्ट ने 3 लोगों को 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को व्यापम से संबंधित एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए धोखाधड़ी के एक मामले में पांच लोगों को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दिलीप कन्नोजे (अभ्यर्थी) और दो बिचौलियों हृदेश राजपूत और मनीष राजपूत को सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया।

यह मामला शुरू में ग्वालियर के झांसी रोड थाने में दर्ज किया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था।

मामला फर्जी अभ्यर्थी के जरिए पीएमटी, 2009 परीक्षा में फर्जी तरीके से दाखिले से जुड़ा है।

आरोपी उम्मीदवार दिलीप कन्नोजे ने पीएमटी 2009 की परीक्षा में अपनी ओर से शामिल होने के लिए एक व्यक्ति को काम पर रखा था।

फिर उसने अपना प्रवेशपत्र गढ़ा और दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में शामिल किया।

आरएएसए शीट और प्रवेश फॉर्म के आधार पर उपस्थित होने वाले अभ्यर्थी की तस्वीर और हस्ताक्षर कथित तौर पर अलग थे। निरीक्षकों ने इसका पता लगाया और आरोपी को पकड़ लिया गया।

पुलिस ने जुलाई 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की।

जांच के दौरान सीबीआई ने फरार आरोपितों से पूछताछ की। उम्मीदवार दिलीप कन्नोजे के नमूना हस्तलेख ओएमआर के साथ सीएफएसएल को भेजे गए थे।

विशेषज्ञ ने स्थापित किया कि आरोपी (अभ्यर्थी) की लिखावट और हस्ताक्षर का नमूना ओएमआर शीट और आरएएसए शीट पर उपलब्ध हस्तलेखन और हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते।

सीबीआई ने पाया कि अभ्यर्थी दिलीप कन्नोजे पीएमटी 2009 की लिखित परीक्षा में खुद शामिल नहीं हुआ था, फिर भी उसका चयन कर लिया गया और बाद में मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले अन्य लोगों के साथ अनुचित तरीके अपनाकर प्रवेश लिया।

सीबीआई ने गहन जांच के बाद सक्षम न्यायालय, ग्वालियर में आरोपपत्र दाखिल किया।

निचली अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।


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