कर्नाटक विस में आज शाम तक विश्वास प्रस्ताव पर होगा मतदान: रमेश कुमार
कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर मतदान सोमवार शाम तक होने की संभावना है

बेंगलुरु । कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर मतदान शाम तक होने की संभावना है। कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था लेकिन 19 जुलाई को राज्यपाल वजूभाई वाला की निर्धारित की गयी दो समय सीमा के बाद भी इस पर मतदान नहीं हुआ। विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव पर बहस होगी क्योंकि सदस्य इस पर बोलना चाहते हैं और उन्हें उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में कहा कि वह विश्वास प्रस्ताव पर बहस को पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि आज शाम तक विश्वास प्रस्ताव पर मतदान हो जाये। कुमार ने कहा कि दसवीं अनुसूची के तहत सभी राजनीतिक दलों को अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार है।
रमेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दारामैया ने कुछ बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए सोमवार को विधानसभा में कहा कि व्हिप जारी करना या न करना राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है। इसका पालन करना या न करना विधायकों पर छोड़ दिया जाता है। विधायक जब इसका उल्लंघन करते हैं तो राजनीतिक दलों को इसकी शिकायत करने का अधिकार है।
विधानसभा अध्यक्ष ने 15 बागी विधायकों को नाेटिस जारी किया है जो इस समय मुंबई में हैं और विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने के पहले विधानसभा सत्र में उपस्थित होने से इन्कार किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने 15 बागी विधायकों को नोटिस भी जारी किया है। ये विधायक अब मुंबई में हैं और जिन्होंने विश्वास मत होने तक विधानसभा सत्र में भाग लेने से इनकार कर दिया। उन्हें बुधवार अपराह्न 11 बजे उनके समक्ष उपस्थित होना चाहिये था क्योंकि वे विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे के पीछे के कारणों की जांच करना चाहते थे।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष से मिला और उनसे अनुरोध कि सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान सोमवार को ही पूरा किया जाये।
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले विधानसभा के बाहर 1000 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों को तैनात करके वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करना सुनिश्चित की गयी है।


