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मोदी सरकार की जो नीति और नीयत रही, उसके विरोध में पड़े वोट : पायलट

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में लोगों ने केंद्र सरकार की पिछले दस साल के शासन में जो नीति और नीयत रही है, उसके विरोध में मतदान किया है

मोदी सरकार की जो नीति और नीयत रही, उसके विरोध में पड़े वोट : पायलट
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टोंक। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में लोगों ने केंद्र सरकार की पिछले दस साल के शासन में जो नीति और नीयत रही है, उसके विरोध में मतदान किया है।

श्री पायलट गुरुवार को यहां टोंक सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद हरीश मीणा के स्वागत एवं आभार समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने श्री मीणा को भारी मतों से जिताकर भेजने पर टोंक सवाईमाधोपुर की जनता का आभार व्यक्त करते हुए हुए कहा कि पांच साल में राजस्थान में कांग्रेस के शून्य सांसद थे और आज हमारे 11 सांसद है। यह छोटी बात नहीं है, जो उत्तरप्रदेश में हुआ वह छोटी बात नहीं है सबसे बड़ा दल उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी है। तो डबल इंजन फेल हुआ लखनऊ में और डबल इंजन फेल हुआ जयपुर में और डबल इंजन फेल हुआ हरियाणा के अंदर कांग्रेस पार्टी ने अनेक राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल सबने देखा और सारे एग्जिट पोल में 300 पार 400 पार यह तो 500 पार नहीं गए अच्छी बात है। कोई शेयर मार्केट में खेल खेल रहा है। क्या-क्या बातें चली थी।

उन्होंने कहा कि लेकिन हकीकत यह थी कि देश की जनता ने 10 साल की सरकार की जो नियत थी जो शासन करने का तरीका एवं आक्रामक रवैया जो विरोधियों को जेल में डालने एवं कांग्रेस के बैंक के खाते सीज करने के बात करते थे और प्रतिशोध की भावना से काम करते थे, विपक्ष को कुचलना का काम करते थे। उसे सब को जनता ने सबक सिखाया और आईना दिखाया है कि वह चलने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह राजनीति में संवादहीनता चलती नहीं है । आप विचार नहीं करोगे। 147 सांसदों को एकदम निलंबित कर दोगे और मनमानी करोगे। संविधान संस्थाओं को खोखला करने का काम करोगे। यह जो वोट पड़ा है यह तमाम नीति जो नियत पिछली सरकार की रही है ।उसके विरोध में पड़ा है ।

उन्होंने कहा कि अभी बहुत जल्दबाजी है राष्ट्रपति किसको न्यौता देती है। क्या होता बाद की बात है। लेकिन इस पूरे चुनाव के परिणाम का जो सारांश है चुनाव परिणाम के जो आंकड़े हैं उसकी दिशा उसका संदेश उसका मत एक तरफ जाता है कि यह वोट भाजपा और एनडीए के खिलाफ पड़ा है।

उन्होंने कहा कि श्री राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और आजाद भारत के इतिहास में एक ही शख्स है जिसको 400 सांसद मिले थे । श्री राजीव गांधी 1984 के चुनाव के पांच साल बाद वर्ष 1989 में चुनाव हुए तो कांग्रेस के लगभग 200 सांसद जीत कर आए थे उसे समय राष्ट्रपति ने कहा कि राजीव गांधीजी आपके दल को सबसे ज्यादा सांसद जीता कर जनता ने भेजा है। बहुमत नहीं मिला आप 400 से आगे 200 हो गए हैं लेकिन सबसे बड़ा दल आपका है । आप सरकार बनाए । लेकिन श्री राजीव गांधी ने कहा था कि यह बात सच है कि उनका दल सबसे बड़ा है बाकी दूसरे नंबर पर है लेकिन जनादेश हमारे खिलाफ है। उन्होंने नैतिकता का परिचय दिया और कहा कि वह सरकार नहीं बनाएंगे क्योंकि जनता ने उनके खिलाफ वोट डाला है ऐसे में और किसी को सरकार बनाने का मौका देना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि लेकिन आज क्या हो रहा है भाजपा के 303 सांसद थे और अब 70 सांसद कम हो गए तो नैतिकता पर चलना चाहिए।


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