मतदान के बावजूद भी मतदाता खामोश
हिमाचल में विधान सभा चुनाव को लेकर मतदान हो चुका है

शिमला। हिमाचल में विधान सभा चुनाव को लेकर मतदान हो चुका है। मतदान के बाद भी प्रदेश का मतदाता खामोश है। राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता बेशक अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हों , मगर खामोश मतदाता ने इनकी धुकधुकी बढ़ा दी है। मतदाताओं की खामोशी से चुनाव में चौंकाने वाले नतीजों का अँदेशा जताया जा रहा है।
ओपीएस बहाली की मांग कर रहे एक लाख 13 हजार एनपीएस कर्मियों को रिझाने की कांग्रेस की कोशिशों के कामयाब होने की स्थिति में बेशक उसे लाभ की स्थिति में माना जा रहा हो, मगर चुनाव में पहली मर्तबा मतदान करने वाले एक लाख 93 हजार मतदाताओं के साथ साथ 67532 सर्विस वोटर भी निर्णायक माने जा रहे है। मतदाताओं की खामोशी की वजह से अब उम्मीदवारों की निगाहें सर्विस वोटर व युवा मतदाताओं के रुझान पर हैं।
प्रदेश की सभी 68 विधान सभा सीटों पर आज मतदान हो गया। मतदान से पहले कर्मचारियों के साथ साथ कुछ अन्य वर्गों ने सरकार पर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने की कोशिश की। सीमित आर्थिक संसाधनों वाले हिमाचल में सरकार ने इन्हें पूरा करने की कोशिश भी की। बावजूद इसके ओपीएस बहाली न होने से कर्मचारियों का एक वर्ग नाराज बताया जा रहा है। मगर मतदान केंद्रों पर पहुंच कर इस संवाददाता ने मतदाताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश की।
एनपीएस अथवा ओपीएस के दायरे में शामिल कुछेक कर्मचारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केंद्र के बगैर ओपीएस संभव नहीं। केंद्र में दो साल तक अभी भाजपा सरकार है।
लिहाजा वे अपने विवेक से मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जाहिर है कि ओपीएस के मुद्दे पर कर्मचारी मतों का विभाजन होना तय है। बावजूद इसके कर्मचारियों के साथ साथ सामान्य मतदाता भी खामोश है। लिहाजा उम्मीदवारों की चिंताएं बढऩे लगी हैं। लिहाजा उम्मीदवार पहली मर्तबा मताधिकार का प्रयोग कर रहे युवा मतदाताओं के रुझान के साथ साथ 67 हजार से अधिक सर्विस वोटरों पर भी उम्मीद लगाए हैं।


