Top
Begin typing your search above and press return to search.

विवेकानंद का 'भारत जोड़ो' संदेश आज भी प्रासांगिक: खडगे

खडगे ने स्वामी विवेकानंद की जयंती 'राष्ट्रीय युवा दिवस' पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वामीजी ने 'भारत जोड़ो' का संदेश दिया था, जो आज भी उतना ही प्रासांगिक बना हुआ है।

विवेकानंद का भारत जोड़ो संदेश आज भी प्रासांगिक: खडगे
X

नयी दिल्ली, 12 जनवरी: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने स्वामी विवेकानंद की जयंती 'राष्ट्रीय युवा दिवस' पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वामीजी ने 'भारत जोड़ो' का संदेश दिया था, जो आज भी उतना ही प्रासांगिक बना हुआ है।

श्री खडगे ने अपने संदेश में कहा "यह दिन भारत के महानतम दार्शनिकों में से एक स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। विवेकानंद जी भारतीय मूल्यों के प्रतीक और हमारे युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज थे। स्वामी जी के विचारों और आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में श्री राजीव गांधी ने इस दिन को "राष्ट्रीय युवा दिवस" के रूप में घोषित किया था।"

भारत जोड़ों के संदर्भ में स्वामी विवेकानंद के संदेश का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा "स्वामी जी 'भारत जोड़ो' में विश्वास करते थे, जो कि भारत के आंतरिक मूल्यों में रचा-बसा है। जिसको उन्होंने 1893 में शिकागो में 'विश्व धर्म संसद' में अपने ऐतिहासिक भाषण से स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया था, जिसके कुछ अंश मैं आज याद करना चाहता हूँ। स्वामी जी ने कहा था, "सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशजों के धार्मिक हठ ने लंबे समय से इस खूबसूरत धरती को जकड़ रखा है। उन्होंने इस धरती को हिंसा से भर दिया है और कितनी ही बार यह धरती खून से लाल हो चुकी है। न जाने कितनी सभ्यताएं तबाह हुईं और कितने देश मिटा दिए गए…आज हमारे करोड़ों लोग भारत को एक करने की आकांक्षा व सपने देखने में और समाज में फ़ैली नफ़रत को मिटाने के लिए आतुर हैं। स्वामी जी का संदेश हम सभी के लिए, विशेष रूप से हमारे युवाओं के लिए मार्गदर्शक प्रकाश बना हुआ है।"

श्री खडगे ने कहा "भारत दुनिया की युवा आबादी का पांचवां हिस्सा है। भारत का युवा बदलाव के लिए बेक़रार हैं। वे बेहतर और सुरक्षित जीवन का सपना देख रहे हैं और चाहते हैं कि भारत वैश्विक प्रगति के शिखर पर विराजमान हो। हम जानते हैं कि यह तभी संभव हो सकता है जब हम धर्म, जाति, भाषा, जातीयता, रंग, पंथ या लिंग की बाधाओं को तोड़ दें। सद्भाव में रहने वाला समाज ही इसे प्राप्त कर सकता है। तो आइए हम इस बदलाव की शुरुआत करने के लिए साथ आएं। जैसे स्वामी विवेकानंद जी ने कहा "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये ! "


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it