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एयर इंडिया में विलय से पहले संकट में विस्तारा

बीते कुछ दिनों में विस्तारा की 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गई हैं या उनमें काफी देर हुई है

एयर इंडिया में विलय से पहले संकट में विस्तारा
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बीते कुछ दिनों में विस्तारा की 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गई हैं या उनमें काफी देर हुई है. कंपनी का एयर इंडिया में विलय होने वाला है और ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस समय सेवाओं में ऐसी गड़बड़ियां क्या संकेत दे रही हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिकू, 1 अप्रैल को विस्तारा की कम-से-कम 60 उड़ानें रद्द हो गईं और 180 उड़ानों में देर हुई. 2 अप्रैल को भी कंपनी की कम-से-कम 38 उड़ानें रद्द कर दी गईं. यात्री दो दिनों से एयरपोर्ट पर घंटों बिताने और कंपनी की तरफ से खराब संवाद की शिकायत कर रहे हैं.

कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में यात्रियों को हो रही परेशानी को देखते हुए नागरिक विमानन मंत्रालय ने एयर इंडिया से उड़ानों में हुई देरी और उड़ानों के रद्द होने पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. विस्तारा का एयर इंडिया में विलय होने वाला है.

क्यों मची है उथल-पुथल

विस्तारा के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि कर्मचारियों के उपलब्ध ना होने और अन्य कारणों की वजह से कई उड़ानों में देर हुई है और कई रद्द करनी पड़ी हैं. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कंपनी की टीमें स्थिति को "स्थिर करने के लिए बिना थके" काम कर रही हैं.

हालांकि मीडिया रिपोर्टों की मानें, तो कंपनी एक बड़े संकट का सामना कर रही है. विलय की प्रक्रिया चल रही है और विस्तारा के पायलटों को डर है कि विलय के बाद उनके वेतन में कटौती हो जाएगी. वो इसका विरोध कर रहे हैं और विरोध जताने के लिए कई पायलट छुट्टी पर चले गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जल्द लागू होने वाली नई वेतन संरचना के तहत पायलटों को सिर्फ 40 घंटों के वेतन की गारंटी मिलेगी, जबकि पिछले अनुबंधों में यह गारंटी 70 घंटों की थी. कई पायलटों को डर है कि इससे उनकी तनख्वाह काफी कम हो जाएगी.

यात्रियों की समस्या

एनडीटीवी के मुताबिक, नई वेतन संरचना पायलटों को ईमेल पर भेजी गई है और कहा गया है कि वो जल्द ही हस्ताक्षर कर दें. उन्हें यह चेतावनी भी दी गई है कि जो पायलट हस्ताक्षर नहीं करेंगे, वो विलय से बाहर रह जाएंगे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसका मतलब है कि उन्हें वो एकमुश्त राशि लौटानी होगी जो विलय में शामिल होने के लिए उन्हें दी गई थी.

इसके अलावा वो विलय के बाद एयर इंडिया के साथ काम करने का मौका भी गंवा देंगे. नाराज पायलटों ने करीब एक महीने पहले भी इसी तरह अचानक छुट्टी ले ली थी, जिसके बाद कंपनी ने उनके सामने ये शर्तें रखीं. अब इस समय कंपनी के सामने चुनौती यह है कि उड़ानों को कैसे बहाल किया जाए.

कंपनी ने कहा है कि उसने अस्थायी रूप से उड़ानों की संख्या कम करने का फैसला लिया है. साथ ही, बी787-9 ड्रीमलाइनर और ए321नियो जैसे बड़े विमानों को देश के अंदर चुनिंदा मार्गों पर तैनात किया जा रहा है, ताकि उड़ानों को मिलाया जा सके और ज्यादा यात्रियों को जगह दी जा सके. एयर-इंडिया विस्तारा विलय 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. लेकिन तब तक यात्रियों को कैसी स्थितियों का सामना पड़ेगा, यह देखना होगा.


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