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रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए : विहिप

विश्व हिंदू परिषद ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव पास किया है

रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए : विहिप
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हरिद्वार। विश्व हिंदू परिषद ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का प्रस्ताव पास किया है। यहां अखंड परमधाम आश्रम में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों की मौजूदगी में विश्व हिंदू परिषद ने चार प्रमुख प्रस्ताव पास किए।

जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वामी परमानंद महाराज, निवार्णी पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी अविचलदास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती महाराज आदि संतों ने हिस्सा लिया।

इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने चार प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई, जिसमें रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने, देश के सभी मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने, देश की एकता अखंडता को खतरा पैदा करने वाली धर्मांतरण का समाधान करने का मुद्दा रहा।

इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट द्वारा भक्तों का ट्रस्ट बनाकर पलनीय के कार्तिकेय मंदिर में पूजा-अर्चना के संदर्भ में लिए गए निर्णय और उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में उत्खनन के आदेश का स्वागत किया गया।

बैठक में संतों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा मंदिरों का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। इस विषय पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि अधिग्रहित मंदिरों का सरकारी नियंत्रण समाप्त होना चाहिए। इसके लिये जनजागरण का अभियान चलाने का संकल्प भी लिया गया।

बैठक में उपस्थित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार धाम देव स्थानम् बोर्ड विधेयक के विषय में संत समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर विचार किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कुंभ क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त करने की घोषणा के साथ ही कुंभ के लिए संतों को होने वाली भूमि आवंटन की स्थाई डिजिटल व्यवस्था की भी घोषणा की। जो संतजनों का आदेश होगा उसका पालन होगा। बैठक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर व्यापक चर्चा की गयी।

इस मौके पर विहिप के संरक्षक दिनेश चन्द्र, कार्याध्यक्ष अलोक कुमार, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, केन्द्रीय मंत्री जुगल किशोर, केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य धर्मनारायण शर्मा, सहमंत्री हरिशंकर, क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज वर्मा, आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।


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