Top
Begin typing your search above and press return to search.

सुनियोजित साजिश के तहत दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुए हिंसक प्रदर्शन : भाजपा

दिल्ली में मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के हिंसक प्रदर्शन में बदल जाने के पीछे भारतीय जनता पार्टी को सुनियोजित साजिश नजर आती है

सुनियोजित साजिश के तहत दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुए हिंसक प्रदर्शन : भाजपा
X

नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के हिंसक प्रदर्शन में बदल जाने के पीछे भारतीय जनता पार्टी को सुनियोजित साजिश नजर आती है। भाजपा नेताओं का कहना है कि देश की छवि धूमिल करने के लिए राजधानी में गणतंत्र दिवस जैसे मौके पर हिंसक प्रदर्शन की साजिश रची गई।

जिन किसान नेताओं की अपील पर यह आंदोलन चल रहा है, उन्हें इस हिंसा की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। भाजपा के मुताबिक, सरकार किसानों की वाजिब मांगों को पूरा करने को तैयार है, मगर किसान नेता ही समाधान नहीं चाहते और वे मासूम किसानों के कंधे का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "पुलिस ने बार-बार हिंसा की आशंका को लेकर आगाह किया था।

पुलिस ने किसान नेताओं से 26 जनवरी को एहतियातन ट्रैक्टर परेड न करने की अपील की थी, लेकिन किसी ने एक न सुनी। अब जब किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुए तो कुछ किसान नेता सिर्फ निंदा कर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। जबकि, निंदा से काम नहीं चलेगा, बल्कि राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव जैसे प्रोफेशनल एजिटेटर्स को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। एक सुनियोजित साजिश के तहत गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुए।"

भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि 26 जनवरी को हिंसा की साजिश पहले से रची गई। पुलिस ने ऐसे तीन सौ से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट खोजे थे, जिनके जरिए किसानों को भड़काने की कोशिश चल रही थी। भाजपा नेता के मुताबिक, जिस तरह से किसान आंदोलन की आड़ में अराजक तत्वों ने उकसाने की कोशिश की, बावजूद इसके पुलिस ने धैर्य और संयम से कार्य लिया, इसके लिए दिल्ली पुलिस बधाई की पात्र है।

उधर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "आज गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर ट्रैक्टर परेड के नाम पर जो कुछ हुआ है, वह शर्मसार करने वाला है। देश आज उदास है। ट्रैक्टर परेड के नाम पर हुड़दंगियों ने पुलिसवालों को कुचलने की कोशिश की। तिरंगे का अपमान करने वाले लोग किसान तो नहीं हो सकते।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it