सबरीमाला आंदोलन में अब हिंसक घटनाएं जारी
सबरीमला मंदिर में बुधवार तड़के 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध को लेकर शुरु हुआ आंदोलन अब हिंसक रुप ले चुका है

तिरुवनंतपुरम। सबरीमला मंदिर में बुधवार तड़के 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध को लेकर शुरु हुआ आंदोलन अब हिंसक रुप ले चुका है।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की ओर से शांतिपूर्ण हड़ताल से शुरु हुआ आंदोलन अब दक्षिणपंथी और वामपंथी पार्टियों के बीच आगजनी और बम विस्फोटों समेत हिंसक झड़पों में तब्दील हो चुका है।
इस दौरान कई स्थानों पर पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। राज्य में सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दफ्तरों पर हमले के कारण राज्य के कई हिस्से युद्ध के मैदान में तब्दील हो चुके हैं।
राज्य के कई क्षेत्रों में विशेषकर तिरुवनंतपुरम जिले के मलयिन्कीझ, प्रवचम्बलम तथा नेदुमंगड तथा कन्नूर जिले के थालासेरी में दहशत का माहौल बना गया है क्योंकि माकपा तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर देसी बम फेंके।
राज्य में 559 मामलों में 750 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा 628 लोगों को नजरबंद किया गया है।
गौरतलब है कि करीब 40 वर्ष की दो महिलाओं ने पुलिस की मदद से बुधवार को तड़के अयप्पा मंदिर के दर्शन किये। इसके बाद सबरीमला कर्म समिति ने गुरुवार को महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया इस दौरान विभिन्न स्थानों पर आंदोलन के समर्थकों तथा विरोधियों के बीच गरुवार और शुक्रवार को भी हिंसक झड़पें हुयीं तथा कई स्थानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें 100 से अधिक लोग घायल हो गये।


