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शिअद तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प

पंजाब के जलालाबाद हलके में आज शिरोमणि अकाली दल (शिअद)तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के दौरान शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल की गाड़ी पर पथराव हुआ

शिअद तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प
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जलालाबाद। पंजाब के जलालाबाद हलके में आज शिरोमणि अकाली दल (शिअद)तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के दौरान शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल की गाड़ी पर पथराव हुआ और फायरिंग की घटना में तीन कार्यकर्ता घायल हो गये ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना उस समय हुई जब श्री बादल पालिका चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का नामांकन भरवाने पहुंचे थे । इस दौरान कांग्रेस के विधायक रमिंदर आंवला भी मौके पर मौजूद थे । बताया जाता है कि दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई जो हिंसक झड़प में बदल गयी तथा दोनों तरफ के कार्यकर्ताओं में झड़प के दौरान पथराव और फायरिंग हुई । इसमें श्री बादल की गाड़ी समेत कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गये ।

अकाली दल ने इस घटना के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है। पार्टी के आज जारी बयान में कहा है कि कांग्रेस के कुछ गुंडों की ओर से अकाली कार्यकर्ताओं और पार्टी प्रधान सुखबीर बादल पर हमला किये जाने की निंदा की और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के लिये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की मांग की ।

पार्टी प्रवक्ता दलजीत चीमा ने कहा कि श्री बादल की हत्या करने के लिये सोचा समझा हमला लगता है तथा जलालाबाद पुलिस भी इस अपराध में हिस्सेदार थी जिसमें हमलावरों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया ।

उन्होंने मामले की पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की । यह हमला सरकार की शह पर किया गया है। राज्य में लाेकतंत्र की हत्या हो गयी है क्योंकि अपराधी मनमर्जी से काम कर रहे हैं । उन्हें कानून की कोई चिंता नहीं ।

श्री चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं । राज्य में जंगलराज है जहां कांग्रेस की अगुवाई वाले माफिया के गुंडों ने प्रदेश पर कब्जा कर लिया है। मुख्यमंत्री माफिया के आगे बेबस दिखाई देते हैं ।

उन्होंने कांग्रेस विधायक रमिंदर आवला के पुत्र की अगुवाई में की गई फायरिंग की निंदा की । गोलियां लगने से तीन अकाली कार्यकर्ता घायल हो गये ।

पार्टी प्रवक्ता के अनुसार अब यह साफ हो गया है कि इन हालात में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष पालिका चुनाव संभव नहीं ।उन्होंने चुनाव के समय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की जाये क्योंकि पंजाब पुलिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता ।इस घटना के लिये फिरोजपुर जिला के वरिष्ठ अधीक्षक तथा अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिये ।


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