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बंगाल पंचायत चुनावों में नामांकन के दौरान हिंसा, 1 की मौत

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में नामांकन दाखिल करने के लिए बढ़ाई गई समयसीमा के दिन सोमवार को कई जिलों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच व्यापक तौर पर हिंसा हुई

बंगाल पंचायत चुनावों में नामांकन के दौरान हिंसा, 1 की मौत
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में नामांकन दाखिल करने के लिए बढ़ाई गई समयसीमा के दिन सोमवार को कई जिलों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच व्यापक तौर पर हिंसा हुई। इस संघर्ष में वीरभूम जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य ग्रामीण चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समय सीमा सोमवार सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक के लिए बढ़ाई थी।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं के बीच सोमवार को दोपहर बाद हुए संघर्ष के दौरान वीरभूम के सुरी में एक व्यक्ति को कथित तौर पर गोली मार दी गई।

तृणमूल व भाजपा दोनों ने दावा किया है कि मरने वाला उनकी पार्टी का कार्यकर्ता था और उसकी हत्या के लिए दोनों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।

राज्य भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि मृतक शेख दिलदार उसके जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का सदस्य था और 'उसकी तृणमूल के गुंडों ने हत्या कर दी', जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता अणुब्रत मंडल ने कहा कि मृतक और उनके परिवार के सदस्य कई सालों से तृणमूल से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने दावा किया, "सिर्फ दिलदार ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार तृणमूल कांग्रेस से कई सालों से जुड़ा है। स्थानीय लोगों में दहशत पैदा करने के लिए भाजपा पड़ोसी झारखंड से गुंडों को लाई जिन्होंने शेख की हत्या की है।"

बंकुआ, हुगली, पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना जिलों व अन्य जगहों पर नामांकन दाखिल करने के दौरान बड़े पैमाने पर झड़पें हुई हैं।

राज्य की विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल पर भावी उम्मीदवारों पर हमला करने व दहशत पैदा करने के साथ ब्लॉक विकास अधिकारी के कार्यालयों में दस्तावेज जमा करने देने के लिए नहीं जाने देने का आरोप लगाया।

राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायतों की सूची के साथ व राज्य में हिंसा की तस्वीरों, प्रतिकूल माहौल को लेकर पत्र लिखा है और राज्य निर्वाचन आयोग से उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने दावा किया कि बंगाल में कोई कानून व व्यवस्था नहीं है क्योंकि लोगों पर हमले किए जा रहे हैं।


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