धान खरीदी में वादाखिलाफी, केंद्र व राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस, चार सप्ताह में मांगा जवाब
हाईकोर्ट में धान खरीदी और केंद्र सरकार की वादाखिलाफी मामले में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। प्रदेश के किसानों की तकलीफ को देखते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है

रायपुर। हाईकोर्ट में धान खरीदी और केंद्र सरकार की वादाखिलाफी मामले में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। प्रदेश के किसानों की तकलीफ को देखते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में बताया गया कि केंद्र सरकार ने प्रदेश से 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी करने का वादा किया था, जो अब नहीं ले रही है. ऐसे में प्रदेश के धान भंडारण केंद्रों में धान खराब हो रहा है।
हाईकोर्ट ने मामले में यूनियन ऑफ इंडिया, राज्य शासन, और जूट मंत्रालय को जवाब पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। जनहित याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और प्रदेश के धान केंद्रों में रखे धान की खरीदी करे। याचिका में तय समय में भाखानि को धान खरीदी करने कोर्ट से निर्देशित करने की मांग की गई, ताकि 21 लाख किसानों को सीधा इसका लाभ मिल सके। आज एक्टिंग चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में यह मामला लगा था। मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद तय की गई है।
अधिवक्ता आयुष भाटिया ने पीटिशन इन पर्सन हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें केंद्र सरकार के राज्य सरकार से 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने के वादा करने और अब ऐसा नहीं करने की जानकारी दी है।याचिका में कहा गया कि इससे मौजूदा समय में राज्य सरकार ने जो धान खरीदी की है, उसके भंडारण की समस्या हो रही है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि वो भाखानि को तय सीमा तक धान खरीदी करने के निर्देश दें।
याचिका में कहा गया है कि भाखानि के धान खरीदी करने से प्रदेश के 21 लाख किसानों को फायदा मिल सकेगा। ऐसा होने पर लाखों किसानों को राहत मिलेगी. 2020-21 के लिए धान खरीदी 31 जनवरी 2021 को समाप्त हो रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कोर्ट फीस जमा करने के लिए समय देकर आगे मामला लगाने का आदेश दिया है।यह सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपीसाहू की खंडपीठ में हुई।


