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पेड़ों की कटाई का ग्रामीणों ने किया विरोध

 मध्यप्रदेश के बरौना से प्रदेश के बिलासपुर तक पॉवर ग्रिड परियोजना के टॉवर और तार खिंचाने का काम ग्रामीणों ने रोक दिया

पेड़ों की कटाई का ग्रामीणों ने किया विरोध
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अंबिकापुर। मध्यप्रदेश के बरौना से प्रदेश के बिलासपुर तक पॉवर ग्रिड परियोजना के टॉवर और तार खिंचाने का काम ग्रामीणों ने रोक दिया है। टॉवर के बाद तार लगाने की प्रक्रिया शुरु हुई तो इलाक़े के कई पेड़ जद मे आ गए जिनमें से कईयों के कटने की प्रक्रिया शुरु हो गई। ग्रामीणों ने पेड़ कटते देख कुछ इस अंदाज में विरोध किया है कि काम ही रुक गया है। पेड़ जिनमें महुआ आम कटहल जैसे पेड़ शामिल हैं उनके कटने की क़वायद से नाराज़ ग्रामीण पेड़ के आसपास और कटे पेड़ों पर जा बैठे हैं और किसी सूरत वहाँ से हटने को तैयार नही है। एस्सार जिसके नियंत्रण में टॉवर और तार का काम चल रहा है उसके अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नही है। हालाँकि अधिकृत रुप से यह कोई भूख हड़ताल नही है पर ग्रामीण सुबह से बग़ैर कुछ खाए पेड़ों के पास मौजुद हैं।

इस घटनाक्रम के ठीक पहले कल देर शाम पेड़ कटने से नाराज़ एक ग्रामीण उसी टॉवर पर जा चढ़ा जिस पर कि हाईवोल्टेज तार बिछना हैए ग्रामीण महुआ का पेड़ कटने से नाराज़ था। देर रात करीब दो बजे पुलिस भारी मशक़्क़त के बाद उसे नीचे उतार पाई लेकिन सुबह वह भी एक पेड़ के पास जा बैठा है। दरअसल मसला मुआवज़े से कहीं बढ़कर है मामला भावनात्मक और व्यवसायिक लगाव का है। ग्रामीण इलाक़ों में महुआ पेड़ हो या कटहल या फिर आमए ग्रामीणों के अपने रिश्ते इन पेड़ों से होते हैं यह भी संयोग है किए इनमें से कई पेड़ सरकारी ज़मीन पर हैंए लिहाज़ा मुआवज़े का प्रश्न नही है लेकिन ग्रामीणों की जिद दो टूक है

पेड़ काटे नई देबो
याने पेड़ कटने नही देंगे हम बैठे है कोई पेड़ काट कर दिखाए। बहरहाल पंक्तियों के लिखे जाने तक मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे पुरानाटोला में यह अजीब सा मगर भावनात्मक आंदोलन जारी है।


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