ग्रामीणों ने किया जंगली सुअर का शिकार
शिकारियों को जंगली सुअर का मांस खाने से पहले ही वन विभाग की टीम ने धरदबोचा....

रायगढ़। बीते शाम शिकारियों को जंगली सुअर का मांस खाने से पहले ही वन विभाग की टीम ने धरदबोचा। दस लोगों ने मिलकर जुनवानी के जंगल में जंगली सुअर का तीर से शिकार किया था। इसके बाद मांस के टूकड़े कर उसे आपस में बांट कर पकाने की तैयारी में थे। इससे पहले दो शिकारियों को पकड़ लिया गया और उनके पास से पंद्रह किलो मांस भी जब्त किया गया है। हांलाकि आठ शिकारी घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गए। जिनकी तालाश विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि बीते शाम वन अमला को मुखबिर से सूचना मिली कि करीब दस शिकारियों ने मिलकर जुनवानी के जंगल में एक व्यस्क जंगली सुअर का शिकार किया है। इसके बाद वन अमला हरकत में आ गया और डीएफओ विजया कुर्रे के निर्देशन, एसडीओ एसआर साय के मार्गदर्शन व रेंजर आरसी यादव के नेतृत्व में डिप्टी राजेश्वर मिश्रा, जुनवानी सर्किल प्रभारी विजय मिश्रा सहित अन्य वनकर्मियों की अलग-अलग टीम बनाकर शिकारियों को धरदबोचने की तैयारी शुरू कर दी। शिकारियों के द्वारा रिजर्व फारेस्ट कक्ष क्रमांक 905 में जंगली सुअर को तीर से मारने के बाद उसे उठा कर कक्ष क्रमांक 901 में ले आए और उसके टुकड़े कर सभी ने पांच-पांच किलो आपस में बांट लिया।
इसके बाद सभी वापस गांव की ओर आ रहे थे। तभी वन अमला की टीम ने उन्हें घेर लिया, लेकिन घने जंगल का फायदा उठाकर आठ शिकारी वहां से भागने में कामयाब हो गए और बंगुरसिया के बरझरिया निवासी बुने उरांव पिता शनि उरांव व लालसाय पिता मंगल साय को धरदबोचा। उनके पास से दस किलो जंगली सुअर का मांस जब्त किया गया। इसके बाद जब वनकर्मियों की टीम वापस जुनवानी पहुंची, तो यहां एक थैले में पांच किलो जंगली सुअर का मांस मिला।
जिसे भी वन अमला ने जब्त कर लिया और सभी मांस को जला कर नष्ट कर दिया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम का अपराध कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। कार्रवाई के दौरान पालूराम साहू, सुखलाल, कुशल सिंह, सरोज कुमार, वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष जनकराम, चंदन सहित अन्य समिति सदस्यों की भूमिका सराहनीय रही।
इन्होंने किया था शिकार
जंगली सुअर का शिकार दस लोगों ने मिलकर किया था। इसमें बुने व लालसाय के साथ जोसेफ, अनिल, हरि, ऋषि, बालकराम, देवकुमार, विकास व अमृत शामिल थे। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि इससे पहले भी इनके द्वारा शिकार किया जाता था। अब फरार आरोपियों की तालाश में वनकर्मी जुट गए हैं।


