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सीईओ पर एफआईआर कराने पहुंचे ग्रामीण

जिले के ओडीएफ घोषित हो चुके प्रतापपुर ब्लॉक के अधिकांश ग्राम पंचायतों में आज भी अधूरे शौचालय निर्माण की हकीकत जनपद सीईओ को संभवत: बर्दाश्त नहीं हो रही है

सीईओ पर एफआईआर कराने पहुंचे ग्रामीण
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सूरजपुर। जिले के ओडीएफ घोषित हो चुके प्रतापपुर ब्लॉक के अधिकांश ग्राम पंचायतों में आज भी अधूरे शौचालय निर्माण की हकीकत जनपद सीईओ को संभवत: बर्दाश्त नहीं हो रही है। बौखलाए सीईओ अब ग्रामीणों को शौचालय निर्माण पूर्ण करने के लिए धमकी तक देने पर उतारू हो गए हैं। यही नहीं ब्लॉक के जिस गांव में अधूरे शौचालय निर्माण की सबसे ज्यादा शिकायत है, वहां सीईओ दिन में नहीं बल्कि शुक्रवार रात में जांच करने पहुंच गए।

ये मामला ग्राम पंचायत सेमराखुर्द के पंडोपारा का है। यहां सीईओ अधूरे शौचालयों को पूर्ण करने का ग्रामीणों पर दबाव बनाते हुए धमकी पर उतर गए। ढाई सौ रूपये जुर्माना लगाने के साथ ही एक दिव्यांग से बुरा बर्ताव कर उसकी भावनाओं को आहत किया। इस दुर्व्यवहार से आहत ग्रामीणों ने प्रतापपुर थाने में जनपद सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। शिकायकर्ता विजय यादव ने थाने में दी शिकायत में बताया कि जनपद सीईओ राजेश सिंह सेंगर सरपंच सहित अन्य लोगों के साथ षुक्रवार की रात सेमराखुर्द पंचायत के पोड़ी पंडोपारा में आये थे। यहां वे पंडो जाति के लोगों के साथ अन्य लोगों पर अधूरे शौचालयों को स्वयं पूरा करने दबाव डालते हुए न करने पर जुर्माना सहित अन्य धमकियां दे रहे थे।

वह घर पर नहीं था तो पंचपति के मोबाइल से फोन कर मेरे पड़ोसी बृजनाथरायन के घर पर मुझे भी बुलाया गया और जैसे ही वहां पहुंचा सीईओ ने उसे भी पंचनामा में दस्तखत करने बोला। जिसके बाद उसने स्वयं और पत्नी के दिव्यांग होने का हवाला देकर अधूरे शौचालय को बनाने से मना करते हुए कहा कि पंचायत द्वारा ठेकेदार से बनवाया जा रहा था तो उसे पूरा करना चाहिए। ऐसा कहकर उसने पंचनामा में दस्तखत करने से मना कर दिया।

विजय ने बताया कि जैसे ही उसने मना कर दिया सीईओ उस पर भड़क गए और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। सीईओ इतने में ही नहीं रूके और उसे धमकी देने लगे कि 18 फरवरी तक शौचालय खुद से नहीं बनाया तो खुले में शौच करने पर प्रतिदिन 250 रूपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने सरपंच से जुर्माने का प्रस्ताव बनाने भी कहा। विजय याद ने बताया कि सबके सामने सीईओ द्वारा उसके साथ ऐसे बर्ताव को लेकर उसने विरोध किया और जब कहा कि इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करेगा तो सीईओ द्वारा दोबारा धमकी दी गई।

इसके थोड़ी देर बाद वे सभी वहां से चले गए और 18 फरवरी को फिर आने की बात कहकर शौचालय पूर्ण करने कह गए। दिव्यांग विजय ने अपनी षिकायत में कहा है कि सीईओ के इस बर्ताव से वह काफी आहत है। उसने आज थाने में षिकायत करते हुए सीईओ के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने तथा उचित कार्रवाई की मांग की है।


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