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शराब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने मचाया हंगामा

शासकीय शराब दुकान के सामने शराब खरीदने के लिए लगी ग्रामीणों की भीड़ में उस वक्त आक्रोश फैल गया जब शराबकर्मियों ने स्टाक खत्म होने की बात कहकर शराब बेचना बंद कर दिया...

शराब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने मचाया हंगामा
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बरपाली की दुकान में बिगड़े हालात, सरपंच व पुलिस ने संभाला

कोरबा। शासकीय शराब दुकान के सामने शराब खरीदने के लिए लगी ग्रामीणों की भीड़ में उस वक्त आक्रोश फैल गया जब शराबकर्मियों ने स्टाक खत्म होने की बात कहकर शराब बेचना बंद कर दिया। दुकान के भीतर शराब मौजूद होने पर भी बिक्री नहीं करने से नाराज ग्रामीणों ने हंगामा मचाया तब सरपंच ने खुद व्यवस्था संभाली। बाद में पहुंची पुलिस ने हालात को काबू में किया।

सरकार की नई आबकारी नीति के बाद सुराप्रेमियों को कई तरह की दिक्कतें तो हो रही हैं फिर भी उनका शराब के प्रति प्रेम कायम है। इस अटूट पे्रम का नजारा उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम बरपाली में विद्युत सब स्टेशन के पास संचालित अंग्रेजी शराब दुकान में देखने को मिला। यहां अन्य दिनों की अपेक्षा आज खासी गहमा-गहमी गांव और आसपास के इलाके में बारात आने की वजह से थी।

रात 9 बजे दुकान बंद होने से पहले शराब खरीदने लगभग 500 की संख्या में ग्रामीण यहां कतार में लगे थे कि करीब 8 बजे ही शराब दुकान कर्मी ने शराब बेचना बंद कर दिया। दुकान कर्मी ने पहले स्टाक खत्म होने की बात कही फिर लोगों को लाईन में लगकर ही शराब देने कहा।

शराब बेचना बंद करने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया और हो हल्ला करते हुए कर्मचारियों से बहार निकलने के लिए कहा। भयवश शराब दुकान कर्मी गद्दी छोड़कर भीतर दुबक गये। इधर सूचना पर सरपंच गोविंद नारायण कंवर मौके पर पहुंचे और शराब कर्मियों से बात करने के बाद स्वयं दुकान के भीतर जाकर व्यवस्था संभाली। करीब आधे घंटे तक वे यहां शराबकर्मी की भूमिका में रहे और ग्राहकों को संभाला।

दूसरी ओर सूचना के 15 मिनट बाद उरगा पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक हालत काफी सुधर चुके थे।
ग्रामीणों ने बताया कि बरपाली की शराब दुकान में अक्सर समय से पहले स्टाक खत्म हो जाता है। शराबकर्मी दुकान बंद होने के समय से पहले ही स्टाक खत्म होने की बात कहते हैं। ग्रामीणों की मानें तो यह शराबकर्मियों का बहाना रहता है, जबकि रात 9 बजे दुकान बंद करने के बाद ब्लैक में शराब में बेची जाती है।

भीड़-भाड़ के दौरान यहां का सुरक्षाकर्मी अपने परिचित लोगों से रूपये लेकर दुकान के भीतर से लाकर शराब उपलब्ध कराता है जिसके कारण अव्यवस्था फैलती है और कतार में खड़े ग्राहक खुद को ठगा महसूस करते हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हर ब्रांड की शराब भी यहां नहीं मिलती जिससे मजबूरी में दूसरी ब्रांड खरीदनी पड़ती है या दूसरे दुकान जाना पड़ता है। इनकी मांग है कि यहां हर ब्रांड की शराब पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए।


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