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बारिश होने की आशा में ग्रामीणों ने रचाया भगवान शंकर पार्वती का विवाह

अल्प वर्षा से किसानों में हताशा की लकीर खींच गई है

बारिश होने की आशा में ग्रामीणों ने रचाया भगवान शंकर पार्वती का विवाह
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पिथौरा। अल्प वर्षा से किसानों में हताशा की लकीर खींच गई है । खेतों में पानी नहीं गिरने की वजह से दरारें पडऩे लगी है । सावन का महीना बीत चुका पूरे माह भर एक दो दिन ही वर्षा हुई । अब भादों लग चुका है अमूमन भादों मास में मानसून की तरह वर्षा ना होकर खंड वर्षा होती है ऐसा जानकारों का मानना है । किसानों ने वर्षा हो एवं जो लागत अब तक लगाई जा चुकी है उसे ही हासिल करने मन्नत मुराद कर रहे है । किसानों के पास केवल ईश्वर पर आस्था ही एक सहारा रह गया है इसी कड़ी में ग्राम गड़बेड़ा में तीन दिवसीय भगवान शंकर पार्वती का विवाह रचाकर वर्षा होने की विशेष पूजा अर्चना की जा रही है । देखना यह है कि श्रद्धा भक्ति ग्रामीण कृषकों की आस्था पर क्या असर डालती है।

आइये हम चलते है ग्राम गड़बेडा के उस मोहल्ले में जहाँ भगवान शंकर पार्वती का विवाह पूरे विधि विधान से सम्पन्न कराने में पूरा गांव एक जुट होकर तथा अपने कार्यों पर विराम लगाकर उस वैवाहिक कार्यक्रम में डटे रहे । बताते चले कि ग्राम वासियों ने सबसे पहले वैवाहिक पत्रिका का प्रकाशन करवाया तथा उसे निमंत्रण की तरह वितरित किया । जिसमें तेल , मायन , बारात गमन मंगल परिणय आदि सभी का उल्लेख तिथिवार किया गया था । गाँव दो भागों में विभक्त होकर वर वधु पक्ष में बंट गये ।

जमकर हल्दी खेली गई पश्चात बारात गमन ग्राम गड़बेडा के टिकरापारा से सजधजकर बैंड बाजे के साथ निकली पूरे गांव में भव्य शादी का मंजर देखने को मिला । बारात ग्राम का भ्रमण करते हुये राधाकृष्ण मंदिर पहुँची दुल्हे के रूप में भगवान शंकर की प्रतिमा थी वहीं माता पार्वती जो दुल्हन के रूप में सजाया गया था वह भी एक मूर्ति ही थी । पूरा गांव महिला , पुरुष ,बच्चे विवाह स्थल राधाकृष्ण मंदिर में मौजूद थे ।

आज 29 अगस्त को वैवाहिक परिणय बेला के अवसर पर गांव में चूल्हा नहीं जला बल्कि भव्य भंडारा का आयोजन विवाह स्थल में किया गया था । बताते चले कि विवाह की रश्में ग्राम पुरोहित द्वारा विधि विधान से सम्पन्न कराई गई । इसके पूर्व वर पक्ष से नारायण यादव , लाला राम नाग , भगवानदास यादव वहीं वधु पक्ष से रेवाराम सूर्ये , रामदास ध्रुव आपस में समधी भेंट किये । उसके पश्चात वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । दिनांक 27 अगस्त शुक्रवार से प्रारंभ वैवाहिक कार्यक्रम का समापन आज शाम पाणिग्रहण पश्चात आज 29 अगस्त को सम्पन्न हुआ । इसके बाद भव्य भंडारा का आयोजन रात्रि तक चलता रहा ।

विवाह के पश्चात ग्रामीण जन खड़े होकर वर्षा होने की भगवान से गिड़गिड़ाकर कर प्रार्थना की । आयोजन को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर योजना पश्चात शुभलग्न की तिथि निकालकर वैवाहिक कार्यक्रम को सम्पन्न कराया । इस अवसर पर समस्त ग्रामीण जन उपस्थित थे ।


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