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कोरोना के खिलाफ गांव-गांव शुरू हुआ विशेष ट्रेसिंग अभियान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार से गांवों में कोरोना से निपटने के लिए विशेष ट्रेसिंग अभियान की शुरुआत हो गई है

कोरोना के खिलाफ गांव-गांव शुरू हुआ विशेष ट्रेसिंग अभियान
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार से गांवों में कोरोना से निपटने के लिए विशेष ट्रेसिंग अभियान की शुरुआत हो गई है।

कोरोना के खिलाफ चल रहे इस महायुद्ध में सुबह से ही निगरानी समिति के सदस्य और रैपिड रेस्पांस टीमें मैदान पर उतरने लग गईं। यह टीमें 97 हजार राजस्व गांवों में पहुंचकर सबसे पहले घर-घर दस्तक देंगी और यूपी सरकार की ओर से शुरू किये गये विशेष अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेंगी। अभियान रविवार नौ मई तक चलाया जाएगा।

पांच दिवसीय अभियान का उद्देश्य गांव-गांव में कोरोना के लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करना और उनको तत्काल इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराना है। इसके लिये निगरानी समिति के सदस्य और रैपिड रेस्पांस टीमों को कोरोना के खिलाफ गांव-गांव में लड़ाई को जीतने के लिये हथियार के रूप में मेडिसिन किट, एन्टीजन टेस्ट किट दी गई हैं। विशेष ट्रेसिंग अभियान के दौरान टीमें पल्स आक्सीमीटर व अन्य जांच करके ग्रामीणों का स्वास्थ्य हाल जानेंगी।

सरकार का उद्देश्य शहरों के साथ ही गांव में रहने वाले लोगों को खुशहाल और स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। उन्होंने महामारी के इस दौर में शुरुआत से ही गांव में विशेष सफाई अभियान चला रखा है। ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव से लेकर गांवों में पहली बार बड़ी संख्या में फॉगिंग और सेनिटाइजेशन का काम किया गया। पिछली सरकारों ने जिन ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ मुड़कर कभी नहीं देखा योगी सरकार ने आते ही सबसे पहले प्रदेश के ऐसे वनवासी क्षेत्रों के गांवों, राजस्व ग्रामों के लोगों को सभी मूलभूत और जरूरी सुविधाएं दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।

योगी सरकार ने कोरोना को जड़ से समाप्त करने के लिये आज से गांव-गांव विशेष अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच मई से रविवार नौ मई तक प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाए। गांव में रहने वाले लोगों का हाल जानने के लिये घर-घर जाकर सम्पर्क किया जाए। निगरानी समिति की टीमें और रैपिड रेस्पांस टीम लक्षणयुक्त लोगों का एन्टीजन टेस्ट करें। लक्षण पाए जाने वाले लोगों को तत्काल अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज की सुविधा प्रदान की जाए।

इस कार्य के लिये निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन न जब किट और आर.आर. टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध कराई गई है।


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