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छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का गांव और गांधी के बाद राम पर जोर

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार का गांव, गांधी के बाद अब राम पर जोर है

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का गांव और गांधी के बाद राम पर जोर
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार का गांव, गांधी के बाद अब राम पर जोर है। एक तरफ जहां गांव में मंडलियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं रामगमन पथ का विकास हो रहा है, तो राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजिन किया जा रहा है। कुल मिलाकर राज्य में कांग्रेस ने भाजपा से उसके मुद्दे छीन रही है, जिनके सहारे भाजपा आगे बढ़ी रही है। रायगढ़ में आगामी एक जून से तीन जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो मूलत: रामकथा के अरण्य कांड पर केंद्रित है। रामकथा से जुड़े हुए अनेक ऋषियों की पुण्यभूमि छत्तीसगढ़ रही है। भगवान श्रीराम वनवास के दौरान इन ऋषियों के आश्रम में गए और उनसे लगातार ब्रह्म ज्ञान पर चर्चा की। संस्कृति विभाग द्वारा अरण्य कांड पर महोत्सव रखने का एक विशिष्ट कारण यह भी है कि इनमें से अधिकतर लीला भगवान श्रीराम ने दंडकारण्य में की है।

इस महोत्सव में रामकथा कुमार विश्वास करेंगे। वहीं मैथिली ठाकुर का गायन होगा। इसके अलावा विभिन्न कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर यह आयोजन किया जा रहा है, ताकि देश-विदेश में प्रचलित रामकथा का अस्वादन अधिकतम लोग कर सकें। सबसे खास बात महोत्सव में दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीपों के दलों की प्रस्तुति होगी।

एक तरफ जहां रामायण महोत्सव हो रहा है, तो वही रामपथगमन पर काम चल रहा है। भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास काल का अधिकांश समय दण्डकारण्य में व्यतीत हुआ। वनवास काल में भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ जहां-जहां ठहरे, उनके चरण जहां पड़े, ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया है। इनमें से प्रथम नौ स्थानों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की है।

इसके अलावा राज्य सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में जुटी है। शासन की योजनाओं से छत्तीसगढ़ में जहां किसानों को फसल का उचित दाम मिल रहा है, वहीं गांवों में आजीविका के अवसर भी गौठान व रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से तैयार हो रहे हैं। गांवों में पशुधन के लिए बनाए गौठान में तैयार हो रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। प्रदेश में 300 रीपा संचालित किए जा रहे हैं, जिससे महिलाएं सशक्त हो रही है। गौठानों में तैयार उत्पादों के विक्रय के लिए जिला मुख्यालय एवं संभाग मुख्यालय में सी-मार्ट भी खोले गए हैं, जिससे इन उत्पादों को बड़ा बाजार मिला है।

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से एक ओर जहां महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर ऐसे युवा जो खुद का काम शुरू करना चाहते हैं और उनके पास पर्याप्त जगह नहीं है। उन्हें गौठानों में बने इन इंडस्ट्रियल पार्को में काम करने की जगह मिल रही है। गौठानों में समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण के साथ सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे कार्य संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में फेब्रिकेशन, सिलाई यूनिट, एल्यूमीनियम फेब्रिकेशन, मशरूम उत्पादन के साथ ही तेल, आटा, मिनी राइस मिल, गोबर पेंट निर्माण, गोबर के गमले, दीये आदि भी तैयार किए जा रहे हैं। इससे जुड़े लोगों को ट्रेनिंग भी दिलवाई जा रही है तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। गौठानों व रीपा में तैयार उत्पादों का विक्रय सी-मार्ट के द्वारा किया जा रहा है।


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