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संसद के केन्द्रीय कक्ष में दिखा बड़े राजनीतिक बदलाव का दृश्य

सत्रहवीं लोकसभा के गठन एवं नयी सरकार के काम संभालने के बाद संसद के पहले सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद के अभिभाषण के दौरान संसद के केन्द्रीय कक्ष में देश में बड़े राजनीतिक बदलाव

संसद के केन्द्रीय कक्ष में दिखा बड़े राजनीतिक बदलाव का दृश्य
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नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के गठन एवं नयी सरकार के काम संभालने के बाद संसद के पहले सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद के अभिभाषण के दौरान संसद के केन्द्रीय कक्ष में देश में बड़े राजनीतिक बदलाव का दृश्य दिखायी दिया।

राष्ट्रपति कोविंद 11 बजे संसद भवन पहुंचे जहां उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनकी अगवानी की। लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। आज अध्यक्ष चुने गये बिड़ला काले रंग का बंद गला सूट पहन कर आये थे।

सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यसभा में नेता सदन थावरचंद गहलोत और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद बैठे थे जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अपनी मां एवं कांग्रेस संसदीय दल की नेता श्रीमती सोनिया गांधी के साथ एक सीट पर बैठे थे और वे पूरे भाषण के दौरान वह ज्यादातर समय मोबाइल पर व्यस्त देखे गये। कुछ समय वह अपनी मां से भी बात करते नज़र आये।

राष्ट्रपति ने करीब एक घंटे के अभिभाषण के दौरान केवल एक बार बीच में पानी पीया। राष्ट्रपति ने जब अभिभाषण में उड़ी एवं पुलवामा के आतंकवादी हमलों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक एवं एयर स्ट्राइक का उल्लेख किया तो सदस्यों ने बहुत देर तक मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया। सरकार की कुछ अन्य उपलब्धियों पर भी मेज़ें थपथपायीं गयीं।

केन्द्रीय कक्ष में अगली पंक्ति में बैठे नेताओं में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेस के केशव राव प्रमुख थे।

भोपाल से निर्वाचित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर गलियारे में रखी गयीं कुर्सियों पर बैठीं।

केन्द्रीय कक्ष में लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवैगौड़ा, श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्रीमती सुषमा स्वराज, श्री अरुण जेटली, श्री शरद यादव, श्री सीताराम येचुरी आदि प्रमुख चेहराें की गैरमौजूदगी देश में बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रही थी।

राष्ट्रपति के केन्द्रीय कक्ष से रवाना होने के बाद सभी सदस्य एक दूसरे से मिलने जुलने में व्यस्त हो गये।


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