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उप्र कारागारों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग इकाइयों को किया जाय क्रियाशील: योगी

योगी ने कहा कि कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करते हुए तलाशी एवं संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए

उप्र कारागारों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग इकाइयों को किया जाय क्रियाशील: योगी
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार से सम्बन्धित सभी परियोजनाओं का निर्माण समयबद्ध ढंग से गुणवत्तापूर्वक सुनिश्चित किये जाने तथा सभी कारागारों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग इकाइयों को क्रियाशील किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

योगी ने कहा कि कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करते हुए तलाशी एवं संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए। बन्दियों की सुविधाओं को सुनिश्चित करते हुए उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ते हुए कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जाएं। उन्होंने पूर्णकालिक महानिदेशक कारागार की नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी कल शाम यहां लोक भवन में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कारागार विभाग की रिक्तियों को भरने में तेजी लायी जाए और अतिरिक्त बन्दी क्षमता का सृजन किया जाए। उन्होंने कारागारविहीन जनपदों-श्रावस्ती, संतकबीरनगर और प्रयागराज में जिला कारागारों के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बैरकों का निर्माण बेहतर हो।

उन्होंने ने कहा कि निर्माण कार्यों की कार्यदायी संस्थाओं के लिए टाइम लाइन निर्धारित कर दी जाए। परियोजना के प्रारम्भ और उसके समापन की तिथि का निर्धारण करते हुए निर्माण कार्य समयावधि के भीतर पूरा किया जाए। उन्होंने बैरकों के वर्टिकल निर्माण कार्य पर विचार किए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि इससे निर्माण कार्य की लागत में कमी आएगी और कम भूमि में ज्यादा बन्दी क्षमता का सृजन होगा। उन्होंने कारागारों को बीच शहर से दूर बनाए जाने पर भी विचार किए जाने के निर्देश दिए।

योगी ने कहा कि शत-प्रतिशत रिमाण्ड वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई जाए। इसके लिए आवश्यक नीति निर्धारण तथा यदि अधिनियम में संशोधन कराना जरूरी हो, तो उस संशोधन को कराकर बन्दियों के ट्रायल की कार्यवाही वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से कराई जाए। इससे बन्दियों को बाहर ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी और वे बाहरी व्यक्तियों के सम्पर्क में नहीं आ सकेंगे।

उन्होंने निर्माण के लिए प्रस्तावित कारागारों की भी समीक्षा की। उन्होंने कार्मिकों के मनोबल में वृद्धि और प्रोन्नति के अवसरों को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पात्र बन्दियों की रिहाई 26 जनवरी, 15 अगस्त, 05 सितम्बर, 25 सितम्बर, 02 अक्टूबर आदि दिवसों पर की जाए। कारागारों की द्विस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सकों की उपलब्धता में सुधार हो। भर्ती में पारदर्शिता हो और अनियमितताओं की शिकायतें न प्राप्त हाे।


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