Top
Begin typing your search above and press return to search.

महाराष्ट्र, गुजरात में जीत भाजपा पर जनता के बढ़ते विश्वास का परिचायक : जावड़ेकर

भाजपा ने महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी के 60 प्रतिशत से अधिक सरपंचों की जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे साफ हो गया कि गांवों में रहने वाले जनता की पसंद भाजपा ही है

महाराष्ट्र, गुजरात में जीत भाजपा पर जनता के बढ़ते विश्वास का परिचायक : जावड़ेकर
X

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी के 60 प्रतिशत से अधिक सरपंचों की जीत पर खुशी जताते हुए आज कहा कि इससे साफ हो गया है कि गांवों में रहने वाले किसान, मज़दूर, दलित अादिवासी और ग्रामीण जनता की पसंद भाजपा ही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा कि महाराष्ट्र में पंचायत चुनावों एवं गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की जीत पार्टी में ग्रामीण एवं शहरी दोनों जनता के बढ़ते विश्वास का परिचायक है।

इससे साफ हो जाता है कि गांवों में रहने वाले किसान, गरीब, मज़दूर, दलित, आदिवासी की पंसद भाजपा ही है।
महाराष्ट्र में पहली बार सरपंच के प्रत्यक्ष चुनाव कराए गये हैं जिसके आज घोषित परिणामों के अनुसार भाजपा के 1457 सरपंच जीते हैं जबकि कांग्रेस के 301, शिवसेना को 222, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 194 और 171 सीटें अन्य को मिलीं हैं।

इसी के साथ गुजरात के आठ नगरीय निकायों के उपचुनावों में छह पर भाजपा और दो पर कांग्रेस विजयी रही जबकि पहले इनमें से कांग्रेस के पास छह और भाजपा के पास दो सीटें थीं।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि इससे पहले भी नगर निगमों के चुनावों में भाजपा को 21 में से 13 जिलों में जीत हासिल हुई है।
भाजपा के 871, शिवसेना के 428, कांग्रेस के 325 और राकांपा के 252 पार्षद विजयी हुए हैं।

इसी प्रकार से जिला परिषद के चुनावों में भी भाजपा के 406 सदस्य, राकांपा के 360, कांग्रेस के 309 एवं शिवसेना के 271 सदस्य चुने गये हैं।

उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि देश की जनता विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पसंद कर रही है और भाजपा को चुन रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में भगदड़ मची है। गुजरात में श्री शंकर सिंह वाघेला के नेतृत्व में विभाजन हो गया है। अमेठी में अनेक कांग्रेसी भाजपा में आए हैं।

भाजपा महाराष्ट्र, मणिपुर, कर्नाटक में भी कांग्रेस के ‘अच्छे लोगों’ को पार्टी में ले रही है। असम एवं उत्तराखंड के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस का नामनिशान नहीं रह जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it