सुप्रीम कोर्ट ने दी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों में सशर्त ढील की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गंभीर स्तर के वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों में कुछ शर्तों के साथ ढील देने गुरुवार को अनुमति दे दी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गंभीर स्तर के वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों में कुछ शर्तों के साथ ढील देने गुरुवार को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की गुहार पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण-4 से 2 तक नीचे जाने की अनुमति दी।
न्यायालय ने हालांकि सीएक्यूएम से कहा कि उसे चरण 3 से कुछ अतिरिक्त अतिरिक्त उपाय लागू करने होंगे।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट करते हुए कहा कि जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से ऊपर जाने की स्थिति में हो तो एहतियातन जीआरएपी चरण 3 तुरंत लागू करना होगा। अगर किसी दिन एक्यूआई 400 को पार करे तो जीआरएपी चरण 4 को फिर से लागू किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ढील देने संबंधी गुहार ठुकरा दी थी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों को प्रदूषण के कारण बंद करने के फैसले की समीक्षा करते हुए नियमों में ढील देने पर विचार करने का उसने आदेश दिया।
पीठ ने तब आयोग से कहा था कि उसे अपने पिछले फैसले की समीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि कई छात्र मध्याह्न भोजन की सुविधा से वंचित होने के साथ ही कई जरूरी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैंं। उनके घरों में हवा साफ करने वाले कोई यंत्र नहीं है।


