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नोएडा: होली पर बारिश की संभावना, मौसम के बदलते मिजाज के कारण लगातार बढ़ी मरीजों की संख्या

मौसम लगातार अपना मिजाज बदल रहा है। लोगों को कभी तेज धूप और गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह और शाम के वक्त ठंडी हवाओं के कारण मौसम में बदलाव का असर देखा जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, एनसीआर में मौसम एक बार फिर अपना मिजाज बदलने वाला है

नोएडा: होली पर बारिश की संभावना, मौसम के बदलते मिजाज के कारण लगातार बढ़ी मरीजों की संख्या
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नोएडा। मौसम लगातार अपना मिजाज बदल रहा है। लोगों को कभी तेज धूप और गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह और शाम के वक्त ठंडी हवाओं के कारण मौसम में बदलाव का असर देखा जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, एनसीआर में मौसम एक बार फिर अपना मिजाज बदलने वाला है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 13, 14 और 15 मार्च को बारिश होने की संभावना है। लोगों को होली के दिन भी बूंदाबांदी का सामना करना पड़ सकता है। लगातार बदलते मौसम के कारण डॉक्टरों के अनुसार, 60 प्रतिशत अधिक वायरल फीवर से ग्रसित मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चों, बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं की संख्या भी ज्यादा है।

मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, आज 12 मार्च को भी तेज हवाएं चलती रहेंगी। आज अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके बाद मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 13 मार्च को आसमान में बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश होगी और अधिकतम तापमान 34 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 18 डिग्री के आसपास रहेगा। इसके बाद 14 मार्च यानी होली के दिन भी मौसम की स्थिति यही बनी रहेगी और बारिश का सामना एनसीआर के लोगों को करना पड़ेगा। इस दिन अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना है।

15 मार्च को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की ज्यादा संभावना है। इस दिन भी अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री पहुंचने की संभावना है। लगातार मौसम में आ रहे इस बदलाव को देखते हुए अस्पतालों में भी वायरल फीवर और अन्य कारणों से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

सीनियर फिजिशियन डॉक्टर अमित का कहना है कि मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते लोगों को वायरल फीवर, गले में दर्द, टॉन्सिल और अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में 60 प्रतिशत मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉ. अमित के मुताबिक, इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों और बुजुर्गों की है और उसके साथ-साथ अब युवा भी इन बीमारियों की चपेट में आते दिखाई दे रहे हैं।


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