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गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में भारत अभी पीछे

 देश के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी ऊंची-ऊंची इमारतों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन 200 मीटर से अधिक ऊंचाई की गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में भारत अभी पीछे है।

गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में भारत अभी पीछे
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नयी दिल्ली। देश के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी ऊंची-ऊंची इमारतों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन 200 मीटर से अधिक ऊंचाई की गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में भारत अभी पीछे है।

पिछले वर्ष (2017) दुनिया में 200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 144 इमारतें बन कर तैयार हुयीं। इनमें से मात्र तीन भारत की हैं। देश की ये तीनों इमारतें मुंबई में बनी हैं जिनमें से एक की अधिकतम ऊंचाई 266 मीटर या 873 फुट है। फिलहाल यह देश की सबसे ऊंची इमारत है। तीनों इमारतें रिहायशी इस्तेमाल के लिये बनायी गयी हैं।

काउंसिल अान टाॅल बिल्डिंग एंड अर्बन हैबिटेट के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष विश्व के 23 देशों में 144 गगनचुंबी इमारतें बन कर पूरी हुयीं। इन्हें मिलाकर दुनिया में ऐसी इमारतों की संख्या 1319 हो गयी है। भारत में ऐसी मात्र छह इमारतें हैं । देश में 2010 में पहली बार 200 मीटर ऊंचाई की दो इमारतें बन कर तैयार हुयी थीं। वर्ष 2015 में इनकी संख्या तीन हुयी जबकि पिछले वर्ष इसमें तीन का और इजाफा हुआ।

इस तरह की इमारतें बनाने में एशिया दुनिया में सबसे आगे है जहां पिछले वर्ष कुल 109 गगनचुंबी इमारतें बन कर तैयार हुयीं। एशिया के आगे होने में चीन का बहुत बड़ा हाथ है जहां पिछले वर्ष 200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 76 इमारतों का निर्माण पूरा हुआ। दुनिया में पिछले वर्ष बनी कुल गगनचुंबी इमारतों में से आधी से अधिक चीन में बन कर तैयार हुयीं।

चीन पिछले दस वर्ष से लगातार इस मामले में विश्व का नंबर एक देश बना हुआ है। पिछले वर्ष अमेरिका दस इमारतों के साथ दूसरे तथा दक्षिण कोरिया सात इमारतों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। कनाडा और इंडोनेशिया में पांच पांच तथा मलेशिया, उत्तर कोरिया, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात में चार चार इमारतें पिछले वर्ष बनकर तैयार हुयीं।

काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार तेजी से बढ़ते शहरीकरण के चलते इस तरह की इमारतों का निर्माण अब केवल प्रमुख वाणिज्यिक और व्यवसायिक शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। पिछले चार वर्ष में इनकी संख्या दोगुना बढ़ी है तथा नये-नये शहरों में इनका निर्माण हो रहा है। पिछले वर्ष 23 देशों के 69 शहरों में ऐसी इमारतें बन कर तैयार हुयीं। तेरह शहरों में पहली बार 200 मीटर से अधिक ऊंची इमारत बनकर खड़ी हुयी जबकि 28 शहरों में नयी ऊंचाई की इमारत तैयार हुयी।

शहरों की बात करें तो चीन के शेनजेन में पिछले वर्ष इस तरह की 12 इमारतें बनी जितनी चीन के अलावा किसी अन्य देश में नहीं बनी। पिछले वर्ष बन कर तैयार हुयी सबसे ऊंची इमारत भी इसी शहर में है जिसकी ऊंचाई 599 मीटर है। यह दुनिया की चाैथी सबसे ऊंची इमारत है। इस समय दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा है जिसकी ऊंचाई 828 मीटर है।

चीन के ही नैनिंग में 200 मीटर से अधिक ऊंची सात इमारतें गत वर्ष बन कर तैयार हुयीं जबकि चेंगदू और जकार्ता में इस तरह की पांच पांच इमारतें पूरी हुयीं।रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न देशों के चल रहे निर्माण को देखते हुये ऐसी इमारतों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होगी।

एेसी इमारतों के निर्माण में चीन और एशिया भले भी आगे हों लेकिन आने वाले वर्षों में इसमें बदलाव दिखलायी देगा। भारत, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में ऐसी इमारतों के निर्माण में तेजी आती दिख रही है। भारत में इस समय 34 गगनचुंबी इमारतों का निर्माण चल रहा है जिनमें से चार 300 मीटर तथा एक चार सौ मीटर से अधिक ऊंचाई की होगी। इनमें से 14 के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है।


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