पेयजल योजनाओं में गड़बड़ी की जांच आठ हफ्ते में पूरी करें, नहीं तो होगी कार्रवाई: हाईकोर्ट
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चमोली जिले की थराली और देवाल विकासखंडों की 88 पेयजल योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए थराली के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को आठ सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। तय समय में जांच पूरी नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिये हैं

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चमोली जिले की थराली और देवाल विकासखंडों की 88 पेयजल योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए थराली के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को आठ सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। तय समय में जांच पूरी नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिये हैं।
गोपाल बनवासी की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की युगलपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि चमोली की थराली और देवाल विकास खंडों में 88 पेयजल योजनाओं में वर्ष 2014 से वर्ष 2024 के बीच भारी गड़बड़ी की बात सामने आयी है। चमोली के जिलाधिकारी (डीएम) को भेजी गयी शिकायत पर 29 जुलाई, 2024 को इस प्रकरण की जांच के लिये थराली के एसडीएम की अगुवाई में एक जांच कमेटी गठित कर दी गयी।
साथ ही कमेटी को एक महीने में जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इतना समय बीतने के बावजूद जांच पूरी नहीं की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से चमोली के जिलाधिकारी को इसी बीच दो पत्र भेजे गये।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि डीएम ने थराली के एसडीएम को जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, लेकिन इसके बावजूद जांच पूरी नहीं हुई। अदालत ने अंत में एसडीएम थराली को आठ सप्ताह में जांच पूरी कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही अपने आदेश में यह भी कहा कि तय समय में जांच पूरी नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लायी जायेगी।


