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क्या वाकई में डायबिटीज और वजन घटा सकता है गैस वाला पानी?

हालिया रिसर्च में ऐसे संकेत मिले हैं कि कार्बोनेटेड पानी कैलोरी कम करने और ब्लड शुगर नियंत्रण में रखने में कारगर साबित हो सकता है

क्या वाकई में डायबिटीज और वजन घटा सकता है गैस वाला पानी?
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हालिया रिसर्च में ऐसे संकेत मिले हैं कि कार्बोनेटेड पानी कैलोरी कम करने और ब्लड शुगर नियंत्रण में रखने में कारगर साबित हो सकता है.

यूरोप और खासकर जर्मनी में बसे भारतीयों के लिए एक रोचक रिसर्च सामने आई है. बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ में छपे एक शोध के मुताबिक काफी हद तक मुमकिन है कि स्पार्कलिंग वॉटर ब्लड शुगर को नियंत्रण में रख सकता है और साथ ही वजन घटाने में मदद भी कर सकता है. यह खबर उन भारतीयों के लिए दिलचस्प हो सकती है जो भारत से किसी यूरोपीय देश, जैसे कि जर्मनी या फ्रांस, में आकर बस गए हैं. यूरोपीय देशों में बहुत से लोग गैस वाला पानी यानी स्पार्कलिंग वॉटर ही पीते हैं.

क्या होता है गैस वाला पानी

गैस वाला पानी पीने के पानी में अत्यधिक दबाव में कार्बन डाइऑक्साइड डालकर बनाया जाता है. यह यूरोपीय देशों में कहीं भी आसानी से उपलब्ध है. इसे कार्बोनेटेड पानी भी कहते हैं जो कई बार मिनरल वॉटर के रूप में भी उपलब्ध होता है.

जर्मनी की में एक जर्मन आदमी सालाना लगभग 142 लीटर स्पार्कलिंग वॉटर पीता है. जर्मनी में कॉफी और बियर से ज्यादा खपत स्पार्कलिंग वॉटर की होती है. हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि इस पानी में शून्य-कैलोरी होना चाहिए, यानी इसमें कोई चीनी या स्वाद नहीं होता है.

रिसर्च में क्या पता चला?

यह रिसर्च तार्किक मूल्यांकन पर आधारित है. तर्क यह है कि पानी में मिली हुई कार्बन डाइऑक्साइड ग्लूकोज को जल्दी तोड़ती है और इससे लाल रक्त कोशिकाएं ज्यादा ग्लूकोज सोखती हैं. यह वजन घटाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है क्योंकि जब ब्लड शुगर लिमिट में होती है, तो शरीर की कोशिकाएं ऊर्जा के लिए खाने के समय के बीच वसा को बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर उसकी खपत बढ़ा सकती हैं.

इस शोध में इसका भी जिक्र है कि कैसे कार्बोनेटेड पानी पीने से आप ज्यादा तृप्त महसूस करते हैं और बार बार भूख लगने की समस्या को भी काबू किया जा सकता है. कभी भी भूख लगने से लोग बीच-बीच में जो जंक फूड खाते हैं और ‘स्नैकिंग' करते हैं, उसे भी नियंत्रित किया जा सकता है.

जापान के शिजोनावटे में तेस्साईकाई न्यूरोसर्जिकल अस्पताल के डायलिसिस केंद्र में डॉक्टर और रिसर्च रिपोर्ट के लेखक डॉ. अकीरा ताकाहाशी के अनुसार, कार्बोनेटेड पानी पीने से पेट की रक्त वाहिकाएं कार्बन डाइऑक्साइड बेहतर तरीके से सोख लेती हैं. पानी बाइकार्बोनेट में तब्दील हो जाता है जो लाल रक्त कोशिकाओं को अधिक क्षारीय बनाता है. यह बढ़ी हुई रक्त क्षारीयता लाल रक्त कोशिकाओं के ग्लूकोज पिकअप को तेज करती है. इससे बदन में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है. इससे ग्लूकोज सही तरह से शरीर में ट्रांसपोर्ट भी हो जाता है.

थ्योरी पर और ज्यादा रिसर्च की गुंजाइश

इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में नेशनल डायबिटीज, ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन (एनडीओसी) सेंटर फॉर न्यूट्रिशन रिसर्च की डॉ. सीमा गुलाटी ने कहा, "अभी हम यह भी नहीं जानते कि दिन में किस समय, भोजन से पहले या बाद में कितना कार्बोनेटेड पानी पीना चाहिए. अभी अध्ययन वैचारिक है और हालांकि यह आगे शोध के लिए एक रास्ता दिखाता है, फिर भी ज्यादा विवरण के बिना यह अभी भी सीमित ही है.”

अध्ययन को विश्वसनीयता इसलिए भी मिली है क्योंकि यह डायलिसिस के समान है: जब अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए रक्त को फिल्टर किया जाता है.

जर्मनी में स्पार्कलिंग वॉटर का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि जर्मनी का पश्चिमी इलाका जिसमें आइफेल (कोलोन और ट्रियर के बीच). टाउनुस पहाड़ (फ्रैंकफर्ट के दक्षिण में) और रयोन पहाड़ (जहां बवेरिया, थुरिंजिया, हेस्से हैं) आते हैं, वह यूरोप का सबसे बड़ा ज्वालामुखी क्षेत्र है. पिछले 100,000 सालों में, उस क्षेत्र में लगभग 500 सक्रिय ज्वालामुखी पहाड़ों में से लावा और गर्म राख निकली है, जिससे उसकी आसपास की जमीन पर बुरा असर पड़ा है.

समय के साथ, बारिश का पानी दरारों में रिसने लगा, जिससे पत्थरों और तलछट से खनिज पदार्थ नीचे की ओर बह गए. कहते हैं पानी जमीन से लगभग हजार फीट नीचे काफी पुराना और स्वादिष्ट तरल पदार्थ के रूप में जमा हो गया. आखिरकार, जमीनी दबाव के कारण यह पानी दुबारा सतह पर आ गया. इस इलाके के लोगों और कबीलों ने यह पानी जमा किया. कहा जाता है कि मिनरल वॉटर या स्पार्कलिंग वॉटर के प्रति जर्मन लोगों का रुझान शुरू हुआ.

क्या कार्बोनेटेड पानी जादुई कारगर साबित हो सकता है?

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि भले ही यह पानी पीने से कैलोरी घटती हैं लेकिन इससे यह तय नहीं हो सकता कि वजन कम हो जाएगा. डॉक्टरों के मुताबिक इसे एक जादुई पानी की तरह नहीं देखना चाहिए जो वजन घटाता है.

इसे ऐसे देखना चाहिए जैसे कि आप रोजमर्रा के खाने में इसे कैसे शामिल कर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार सिर्फ स्पार्कलिंग वॉटर ही नहीं, आमतौर पर पानी पीने की आदत पर जोर देना चाहिए.

कार्बोनेटेड पानी की अपनी खासियत है लेकिन इसे चमत्कार के रूप में नहीं देख सकते. हां कार्बोनेटेड पानी केवल खाने पीने में शामिल किया जा सकता है. लेकिन दवा के साथ खानपान, जीवनशैली में सुधार, व्यायाम और नींद का सख्त अनुशासन ही वजन को ठीक रख सकता है.


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