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भाजपा के सुनामी में मायावती के गृह जनपद में बसपा का किला ध्वस्त

ग्रेटर नोएडा ! बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद गौतमबुद्धनगर में बसपा का किला ध्वस्त हो गया।

भाजपा के सुनामी में मायावती के गृह जनपद में बसपा का किला ध्वस्त
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ग्रेटर नोएडा ! बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद गौतमबुद्धनगर में बसपा का किला ध्वस्त हो गया। पूरे प्रदेश में चली भाजपा की आंधी में गौतमबुद्धनगर की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई। नोएडा विधानसभा सीट पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह ने एक लाख ज्यादा वोटो से सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी को करारी शिकस्त दी। वहीं दादरी व जेवर विधानसभा सीटों पर पिछले दस साल से बसपा का कब्जा था इस बार भाजपा ने इन दोनों सीटों पर भी कब्जा कर लिया। दादरी से भाजपा प्रत्याशी मास्टर तेजपाल सिंह नागर व जेवर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने जीत दर्ज। इन दोनों सीटों पर बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे। जबकि सपा व कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। हालांकि इस जिले में सपा प्रत्याशी आज तक चुनाव नहीं जीत पाए। बसपा हमेशा से लड़ाई की मुख्य धारा में रही। मायावती का गांव बादलपुर दादरी विधानसभा क्षेत्र में आता हैं।
2012 में दादरी विधानसभा से नोएडा को अलग कर विधानसभा सीट बनाया गया। इससे पहले दादरी में ही नोएडा आता था। 2007 के चुनाव में प्रदेश में बसपा की सरकार की बनी थी उस समय दादरी विधानसभा से बहुजन समाज वार्टी पार्टी के प्रत्याशी सतवीर गुर्जर ने जीत हासिल की थी। 2012 के चुनाव में नोएडा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने जीत हासिल की थी। डॉ. महेश शर्मा 2014 में लोकसभा चुनाव लडक़र जीत हासिल की उसके बाद नोएडा विधानसभा सीट पर उप चुनाव हुआ। जिसमें बिमला बाथम भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। इस पर बिमला बाथम का टिकट काटकर नोएडा से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को टिकट दिया गया है। पंकज सिंह के आने से नोएडा महत्वपूर्ण सीट हो गई थी। सुबह आठ बजे जब मतगणना शुरू हुई तो नोएडा सीट से पंकज सिंह लगातार बढ़त बनाए रखे। गांव व शहर में भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह का वोट। इसका नतीजा रहा है कि सीट पर पंकज सिंह ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की, उन्होंने सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी को एक लाख तीन हजार 952 वोटों हराया। सुनील चौधरी को कुल 58358 वोट मिले। जबकि बसपा प्रत्याशी रविकांत मिश्रा 22305 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। दादरी विधान सभा सीट पर 2012 में जब पूरे प्रदेश में बसपा विरोध लहर थी उस समय इस सीट पर बसपा प्रत्याशी सतवीर गुर्जर ने दूसरी बार जीत हासिल की थी। भाजपा प्रत्याशी नवाब सिंह नागर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार भाजपा ने मास्टर तेजपाल सिंह नागर को टिकट दिया था। बसपा ने सतवीर गुर्जर पर भरोसा जताया था। जबकि सपा समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर समीर भाटी चुनाव मैदान में थे। इस बार यह माना जा रहा था कि बसपा हैट्रिक लगा सकती है। लेकिन जिस तरह पूरे प्रदेश में भाजपा का सुनामी चला। दादरी विधानसभा सीट पर दस साल बाद जाकर कमल खिला। भाजपा प्रत्याशी मास्टर तेजपाल नागर ने 80140 वोटों से जीत हासिल की। जबकि बसपा प्रत्याशी सतवीर गुर्जर 60995 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि सपा समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी समीर भाटी 39947 वोट पाकर तीसरे स्थान रहे। यहां पर उनकी जमानत तक जब्त हो गई। रालोद प्रत्याशी रवींद्र भाटी समेत अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। जेवर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने 22169 वोटों से बसपा प्रत्याशी व पूूर्व मंत्री वेदराम भाटी को शिकस्त दी। इस पर सीट पर पिछले दस साल से बसपा का कब्जा था। कांग्रेस समर्थित सपा प्रत्याशी नरेंद्र नागर सिंह नागर का 13216 व रालोद प्रत्याशी कमल शर्मा 9009 वोट पाकर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। जेवर विधानसभा सीट पर 2012 के चुनाव में ठाकुर धीरेंद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। उस बार धीरेंद्र को 58024 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। इस पर धीरेंद्र को 102931 वोट मिले। जबकि विजयी बसपा प्रत्याशी वेदराम भाटी को 67524 वोट मिले थे। जबकि इस बार बसपा प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिलने के बाद भी हार का सामना करना पड़ा। बसपा के गढ़ में जिस तरह भाजपा का कमल खिला है इससे राजनीति रणनीतिकार आश्चर्य चकित है।


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