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शिक्षा के भगवाकरण पर बोले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मातृभाषा को प्रोत्साहित करने पर दिया बल

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मातृभाषा को प्रोत्साहित करने पर बल दिया

शिक्षा के भगवाकरण पर बोले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मातृभाषा को प्रोत्साहित करने पर दिया बल
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हरिद्वार। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मातृभाषा को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज के साथ ही न्यायपालिका में भी मातृभाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए। कहा कि भारतीय चिंतन में शिक्षा और शिक्षण का विशेष महत्व था, लेकिन सदियों की गुलामी में इसे भुला दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि 'आरोप लगाए जाते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण हो गया है। भगवा में गलत क्या है।'

कहा कि हमारी परंपरा सर्वे भवंतु सुखिन: और वसुधैव कुटुम्बकम की है। समय आ गया है कि इस पर विमर्श किया जाए। कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य ही है शिक्षा का भारतीयकरण। अच्छी और सच्ची शिक्षा के विस्तार से लोकतंत्र मजबूत होगा। शनिवार को उप राष्ट्रपति ने हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई शांति और सुलह संस्थान (साउथ एशियन इंस्टीट्यूट आफ पीस एंड रिकंसीलिएशन) का उद्घाटन किया। इसके बाद शांतिकुंज की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह केंद्र दक्षिण एशियाई देशों के बीच राजनैतिक चुनौतियों के मद्देजर क्षेत्रीय स्थिरता और सकारात्मक व्यवहार के लिए पहल करेगा। मातृभाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करते हुए नायडू ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए। जरूरत है कि औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाया जाए। देश में उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों ने भी अपनी मातृभाषा में ही शिक्षा ग्रहण की है। प्रत्येक भारतीय को अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और बच्चों को अपनी विरासत से अवगत कराएं।

कहा कि बच्चों को प्रकृति के सानिध्य में समय बिताने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। प्रकृति भी शिक्षक है। संस्कृत के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रसार में गायत्री परिवार और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की।

प्रथमेश्वर महादेव का पूजन कर विश्वशांति की कामना की

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों की याद में बनी शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित बाल्टिक सेंटर का भी अवलोकन किया। उन्होंने बाल्टिक देशों में सेंटर की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सरहाना की। इस अवसर पर उन्होंने देव संस्कृति विश्वविद्यालय की वेबसाइट, प्रज्ञायोग प्रोटोकॉल और उत्सर्ग पुस्तक का भी विमोचन किया। उप राष्ट्रपति ने प्र™ोश्वर महादेव का पूजन कर विश्व शांति, राष्ट्र के सुख एवं उन्नति की कामना की।


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