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लॉकडाउन के बीच 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' की व्यवहार्यता पर विचार हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह लॉकडाउन के बीच आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक अनुदान दरों पर खाद्यान्न पहुंचाने के लिए 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने की व्यवहार्यता पर विचार करे

लॉकडाउन के बीच एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड की व्यवहार्यता पर विचार हो : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक अनुदान दरों पर खाद्यान्न पहुंचाने के लिए 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने की व्यवहार्यता पर विचार करे। केंद्र द्वारा जून में यह योजना शुरू किया जाना प्रस्तावित है। न्यायमूर्ति एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम केंद्र को निर्देश देते हैं कि वह इस पर विचार करे कि क्या उसके लिए संभव है कि वह इस वक्त इस योजना को लागू कर सकता है या नहीं और वह मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए इस बारे में उचित निर्णय ले।"

पीठ में न्यायमूर्ति एस.के.कौल व न्यायमूर्ति बी.आर.गवई शामिल थे।

इस निर्देश के साथ कोर्ट ने वकील रीपक कंसल की याचिका का निस्तारण कर दिया जिसमें कोर्ट से इस योजना को जल्द शुरू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। इसमें कहा गया था कि यह योजना अभी शुरू होने से उन प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को लाभ होगा जो इस समय जगह-जगह फंसे हुए हैं।

याचिका में यह भी आग्रह भी किया गया था कि संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाए कि वे सुनिश्चित करें कि किराए के घरों में या ट्रांजिट कैंप में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को किसी पहचान पत्र के न होने के कारण भूखा नहीं रहने दिया जाए।


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