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उत्तराखंड की तरह हरियाणा में कठोर धर्मांतरण कानून चाहता है विहिप

हरियाणा के मेवात में बड़े पैमाने पर डरा-धमकाकर धर्मातरण कराने की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में धर्मातरण विरोधी कानून बनाने का आश्वासन दिया है

उत्तराखंड की तरह हरियाणा में कठोर धर्मांतरण कानून चाहता है विहिप
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नई दिल्ली। हरियाणा के मेवात में बड़े पैमाने पर डरा-धमकाकर धर्मातरण कराने की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में धर्मातरण विरोधी कानून बनाने का आश्वासन दिया है। विश्व हिंदू परिषद लंबे समय से इसकी मांग उठा रहा था।

विहिप ने आईएएनएस से कहा है कि इस कानून का ड्राफ्ट सरकार के नुमाइंदे ही तैयार करेंगे। लेकिन विहिप सुझाव भी देगा। विहिप का मानना है कि उत्तराखंड की तरह हरियाणा में धर्मातरण विरोधी कानून बनाया जाना चाहिए। उत्तराखंड में बने कानून के मुताबिक बगैर अनुमति के धर्मातरण करने या फिर इसकी साजिश में लगे होने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है।

हरियाणा के मेवात में दलित उत्पीड़न और धर्मातरण के मसले पर पिछले काफी समय से विश्व हिंदू परिषद का रुख काफी कड़ा रहा। इस हिंदू संगठन की खट्टर सरकार से भी टकराव की स्थिति बनने लगी। आखिरकार खट्टर सरकार बैकफुट पर आई और उसे विश्व हिंदू परिषद की मांगें माननी पड़ीं।

विहिप प्रतिनिधियों से हुई वार्ता के बाद बीते दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मेवात में धर्मातरण, लव जेहाद, गोकशी पर रोक के अलावा यहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं की धार्मिक व सार्वजनिक सम्पत्तियों की सुरक्षा और पैरामिल्रिटी बटालियन की स्थापना जैसे कदम उठाने का आश्वासन दिया था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बीते 16 जून को मेवात का दौरा भी कर चुके हैं। दौरा करने के बाद उन्होंने धर्मातरण व लव जेहाद को रोकने के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून, गोकशी के मामलों की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई, मेवात मे आईआरबी बटालियन की स्थापना जैसी मांगें मानीं थीं।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने धर्मातरण विरोधी कानून बनाने का हरियाणा के हिंदू समाज को आश्वासन दिया है। कानून बनाने का काम सरकार का है, इसमें विहिप का कोई दखल नहीं होगा, लेकिन मांगे जाने पर हम सुझाव देंगे। विहिप चाहता है कि उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार धर्मातरण विरोधी कानून बनाए। हालांकि सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि सरकार को कड़ाई से उसका पालन भी कराना होगा।"


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