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विहिप ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून को कठोर बनाने के लिए योगी सरकार की तारीफ की

विश्व हिंदू परिषद ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा धर्मांतरण के विरुद्ध 2019 में बनाए गए कानून को और कठोर बनाए जाने को स्वागतयोग्य कदम बताते हुए देश के अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसा ही कदम उठाने की मांग की है

विहिप ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून को कठोर बनाने के लिए योगी सरकार की तारीफ की
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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा धर्मांतरण के विरुद्ध 2019 में बनाए गए कानून को और कठोर बनाए जाने को स्वागतयोग्य कदम बताते हुए देश के अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसा ही कदम उठाने की मांग की है।

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि कानून बनने के बाद भी लव जिहाद व अवैध धर्मान्तरण की घटनाएं, सख्त शासन के बाबजूद रुकने का नाम नहीं ले रही थीं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024' के विधानसभा में पारित होते ही अब आशा की जा सकती है कि संगठित अपराधी के साथ ही जिहादी व मिशनरी भी अपने कुकृत्यों से डरेंगे।

विहिप नेता ने आगे कहा कि विधेयक में शिकायतकर्ताओं का दायरा, आजीवन कारावास की सजा, दंड की राशि को बढ़ाया जाना तथा अवयस्क और दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा के लिए की गई विशेष व्यवस्था सराहनीय है। ऐसे कठोर प्रावधान, उन अपराधी वृत्ति के लोगों के मन में डर पैदा करके भगवान श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण व भोले बाबा की इस पुण्य धरा को धर्मांतरण द्वारा राष्ट्रांतरण के दिवास्वप्न देखने वालों के चंगुल से मुक्ति दिलाने में एक मील का पत्थर साबित होंगे। यूपी सरकार ने ना सिर्फ 2019 में यह कानून बनाया अपितु गत पांच वर्षों में उसका कठोरता से पालन भी सुनिश्चित करवाया। इसके लिए योगी सरकार को साधुवाद।

परांडे ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव तक भी भारत के मात्र 10-11 राज्य ही धर्मांतरण विरोधी कानून ला पाए। उनमें भी इतनी कठोर सजा का प्रावधान, संभवतया उत्तर प्रदेश के इस कानून में ही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शेष राज्य सरकारें भी इस बारे में त्वरित पहल कर, अपने-अपने राज्यों को अवैध धर्मान्तरण के अभिशाप से मुक्ति दिलाएंगे।

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में अभी इस बारे में कोई कानून नहीं है, उनको भी शीघ्रता शीघ्र एक कठोर दंड विधान के साथ यह पारित करने चाहिए और जिन कानूनों की स्थिति लचर है, वहां उन्हें और कठोर बनाए जाने के साथ उनका पूर्ण मनोयोग से पालन किया जाना भी बहुत जरूरी है। आशा है कि इस कानून का अन्य राज्य सरकारें भी अनुसरण करते हुए अपने-अपने राज्यों में कठोर कानून बनाएगी। उन्होंने समाज को भी इन मामलों में सजग रहकर समय पर उचित कार्रवाई के लिए शासन-प्रशासन का सहयोगी बन, अपराधियों को कठोर सजा दिलाए जाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।


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