बजरंग दल को और मजबूत बनाने में जुटा विहिप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मौजूदा परिस्थितियों में बजरंग दल को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की है

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मौजूदा परिस्थितियों में बजरंग दल को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की है। अप्रैल से नए युवाओं को जोड़ने की मुहिम शुरू होगी। बजरंग दल युवाओं के प्रशिक्षण केंद्र और अखाड़ों की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी में है।
हाल में हुई दिल्ली हिंसा के बाद पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर बजरंग दल को विहिप और सशक्त बनाना चाहता है। विहिप का मानना है कि दिल्ली में हिंसा के दौरान बजरंग दल के युवाओं ने कई लोगों की जानें बचाईं। ऐसे में इस संगठन का ताकतवर बने रहना जरूरी है।
वर्ष 2019 से लेकर इस साल अप्रैल तक कुल 41 प्रांतीय अधिवेशनों का लगातार कार्यक्रम चलने के कारण एक वर्ष से बजरंग दल नई भर्तियों पर फोकस नहीं कर पाया है। इससे पहले वर्ष 2018 में देशभर में 30 हजार युवाओं की भर्ती हुई थी। ऐसे में अब फिर से भर्ती अभियान शुरू करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि अप्रैल में सभी 41 प्रांतों में अधिवेशन खत्म होने के बाद युवाओं की भर्ती शुरू होगी। बजरंग दल का दावा है कि देश में उसकी सदस्य संख्या 50 लाख है।
बजरंग दल से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक, देश में संगठन के 500 मुख्य अखाड़े और करीब डेढ़ हजार की संख्या में छोटे स्तर के अखाड़े चलते हैं, जिन्हें बजरंग दल की भाषा में 'बलोपासना' केंद्र कहते हैं। यहां युवाओं को बलिष्ठ बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। पहलवानी के साथ ध्यान, योग आदि की बजरंग दल ट्रेनिंग देता है। देश में एक हजार से अधिक साप्ताहिक मिलन केंद्र भी चलते हैं। हर सप्ताह बजरंग दल से जुड़े लोग मिलकर लक्ष्य तय करते हैं। अब इन केंद्रों की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "विहिप के यूथ विंग बजरंग दल के कार्यों पर हमें गर्व है। हाल में दिल्ली के दंगों के दौरान बजरंग दल से जुड़े कई युवाओं ने अपनी जान पर खेलकर दूसरों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस के साथ मिलकर हिंसा रोकने में बजरंग दल के युवाओं ने योगदान दिया। जब विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार बीते दिनों हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे तो स्थानीय लोगों ने सुरक्षा देने में जिन तीन युवकों का नाम लिया वह बजरंग दल के प्रांतीय स्तर के पदाधिकारी निकले।"
बंसल के मुताबिक, अप्रैल में 41 प्रांतों का अधिवेशन पूरा होने के बाद युवाओं को बजरंग दल से जोड़ने की पहल फिर से शुरू होगी।
उन्होंने बजरंग दल से जुड़े कुछ लोगों पर गुंडागर्दी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग हिंदू संगठनों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, "बजरंग दल का सूत्रवाक्य सेवा, सुरक्षा और संस्कार है। बजरंग दल से जुड़े युवा वृक्षारोपण, रक्तदान, गौरक्षा जैसे कार्यो से जुड़े हैं।"
उल्लेखनीय है कि बजरंग दल की स्थापना आठ अक्टूबर 1984 को अयोध्या में हुई थी। दरअसल, उस वक्त श्रीराम जानकी रथ यात्रा निकलने वाली थी, मगर तत्कालीन सरकार ने अयोध्या में सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद संतों की अपील पर विहिप ने कुछ शारीरिक रूप से मजबूत युवाओं को चुनकर यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी थी। तब युवाओं की इस टोली को बजरंग दल नाम दिया गया था। धीरे-धीरे यह संगठन सुर्खियों में आता गया। विनय कटियार इसके संस्थापक संयोजक रहे हैं। सन् 1993 में बजरंग दल का अखिल भारतीय संगठनात्मक स्वरूप तय हुआ, जिसके बाद सभी प्रांतों में बजरंग दल की इकाई घोषित हुई।


