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म्यांमार में आंग सान सू ची के बाद पार्टी के वयोवृद्ध नेता भी हुए गिरफ्तार

म्यांमार में तख्तापलट के बाद अब पूर्व स्टेट काउंसर आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के वयोवृद्ध नेता यू विन हितीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

म्यांमार में आंग सान सू ची के बाद पार्टी के वयोवृद्ध नेता भी हुए गिरफ्तार
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ने पी ता। म्यांमार में तख्तापलट के बाद अब पूर्व स्टेट काउंसर आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के वयोवृद्ध नेता यू विन हितीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने पार्टी की सूचना समिति के एक सदस्य की टो के हवाले से रिपोर्ट दी है कि 80-वर्षीय यू विन हितीन सू ची के बेहद करीबी विश्वासपात्र हैं। उन्हें गुरुवार रात को ने पी ता के एक थाने में ले जाया गया।

बहरहाल, एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के मुताबिक, म्यांमार के पूर्व राष्ट्रपति यू विन मिंत और सू ची को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून और आयात-निर्यात कानून का उल्लंघन करने के लिए 15 फरवरी तक रिमांड पर रखा गया है। मिंत और सू ची को सोमवार सुबह सेना ने देश में तख्तापलट का ऐलान करने से पहले ही हिरासत में ले लिया था। इसके बाद सेना ने देश में एक साल के लिए इमरजेंसी लगा दी और सत्ता का पूरा नियंत्रण सैन्य कमांडर के हाथों में आ गया।

असैनिक सरकार और सेना के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सोमवार तड़के राष्ट्रपति विन मिंत, स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी, जो एक साल तक चलेगी।

म्यांमार में हाल ही में चुनाव हुए थे, जिसे सेना ने फर्जी बताया है और इसके बाद सैनिक विद्रोह की आशंकाएं बढ़ गई थीं। तख्ता पलट के बाद सेना ने देश का नियंत्रण एक साल के लिए अपने हाथों में ले लिया है। सेना ने जनरल को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है। नवंबर, 2020 में आम चुनावों के बाद से ही सरकार और सेना के बीच गतिरोध बना हुआ था।

सेना का कहना है कि 8 नवंबर, 2020 को जो आम चुनाव हुए थे, वे फर्जी थे। इस चुनाव में सू की की एनएलडी पार्टी को संसद में 83 प्रतिशत सीटें मिली थीं, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त थीं।

सेना ने इस चुनाव को फर्जी बताते हुए देश की सर्वोच्च अदालत में राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि चुनाव आयोग उनके आरोपों को सिरे से नकार दिया था। इस कथित फजीर्वाड़े के बाद सेना ने हाल ही में कार्रवाई की धमकी दी थी। इसके बाद से ही तख्ता पलट की आशंकाएं बढ़ गई थीं।


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