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नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता कुलदीप नैयर का यहां अस्पताल में निधन हो गया

नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर
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नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता कुलदीप नैयर का यहां अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। नैयर ने रात 12.30 बजे एस्कॉर्ट्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर एक बजे किया जाएगा।

नैयर का जन्म 14 अगस्त 1923 में सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। नैयर ने कई किताबों भी लिखी।

वह 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त और 1997 में राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। नैयर ने 1948 में उर्दू के समाचार पत्र 'अंजाम' से पत्रकारिता की शुरुआत की थी। उन्होंने उस समय के गृह मंत्रियों गोविंद बल्लभ पंत और लाल बहादुर शास्त्री के प्रेस सूचना ब्यूरो में बतौर प्रेस अधिकारी भी काम किया।

वह यूएनआई के संपादक और प्रबंध निदेशक भी रहे और 'द स्टेट्समैन' के संपादक भी रहे। उन्होंने 'इंडियन एक्सप्रेस', 'द टाइम्स', 'द स्पेक्टेटर' और 'ईवनिंग स्टार' में भी काम किया।

वह 'बियॉन्ड द लाइन्स', 'इंडिया आफ्टर नेहरू' और 'इमरजेंसी रिटोल्ड' सहित 15 किताबें लिख चुके हैं।

नैयर को बीते 54 वर्षो से जानते वरिष्ठ पत्रकार एच.के.दुआ ने नैयर को अच्छा दोस्त एक महान पत्रकार बताते हुए कहा कि उनका निधन इस पेशे के लिए अपूरणीय क्षति है।

दुआ ने आईएएनएस को बताया, "वह अंत तक काम करते रहे। 94 की उम्र में उन्होंने खबरों की दुनिया में अपनी रुचि बनाए रखी। वह खबरों में ही रचे-बसे रहते थे और अपने करियर में कई ब्रेकिंग स्टोरी की। उन्हें खबरों के पीछे की खबर की अच्छी समझ थी।"

उन्होंने कहा कि नैयर ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के कई अथक प्रयास किए और कैंडल लाइट प्रदर्शन आयोजित किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,राष्ट्रपति रामनाथ कोविद और अन्य नेताओं ने भी नैयर के निधन पर शोक जताया।





पीएम मोदी ने उन्हें बौद्धिक शख्स बताते हुए आपातकाल के समय उनके रुख को याद किया।


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