शासन की मंजूरी के बाद आएगी वेंडिंग जोन पॉलिसी
सड़कों के किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वाले वेंडरों को जल्द ही स्थाई ठिकाना मिलने जा रहा है। इसके लिए वेडिंग पॉलिसी संबंधित कागजी दस्तावेज बुधवार को लखनऊ भेज दिए जाएंगे
नोएडा। सड़कों के किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वाले वेंडरों को जल्द ही स्थाई ठिकाना मिलने जा रहा है। इसके लिए वेडिंग पॉलिसी संबंधित कागजी दस्तावेज बुधवार को लखनऊ भेज दिए जाएंगे।
शासन से अनुमोदन के बाद यह पॉलिसी शहर के कमर्शियल, आवासीय व औद्योगिक तीनों जोनों में लागू कर दी जाएगी। पॉलिसी की यही रूपरेखा प्रदेश के अन्य सात प्राधिकरण में भी लागू की जाएगी।
हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया गया। अभियान के तहत ऐसे लोगों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। जो सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगाकर रोजी रोटी कमाते थे।
ऐसे में इन लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए शहर में वेंडिंग जोन पॉलिसी लागू की जा रही है। इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए पहले प्रयास किए गए थे। लेकिन तब प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग पर इस पर आपत्ति जाहिर की थी। इसके तहत शहर में 103 स्थानों पर वेडिंग जोन बनाने का निर्णय लिया गया था।
यह चिन्हित स्थान आवासीय, औद्योगिक व कमर्शिलय तीनों सेक्टरों में थे। लेकिन नियोजन विभाग में इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि वेडिंग पालिसी सिर्फ कमर्शिलय सेक्टरों में ही लागू की जा सकती है।
ऐसे में इस पालिसी में संसोधन किया गया। फिलहाल नई पॉलिसी की रूप रेखा इस तरह से तैयार की गई है। जिसमे सभी को फायदा होगा। अनुमोदन के लिए फाइल लखनऊ मुख्यालय भेजी जा रही है। वहां से अनुमति मिलते ही शहर में इसे लागू कर दिया जाएगा।
खास बात यह है कि नोएडा प्राधिकरण की वेंडिंग पॉलिसी ही प्रदेश के अन्य प्राधिकरण मसलन ग्रेटर नोएडा , यमुना विकास, पिलखवा, केडीए, एलडीए के अलावा जीडीए में भी यही पॉलिसी लागू की जाएगी। लिहाजा इसको इस तरह से तैयार किया गया है ताकि यह सभी शहरों में सड़कों के किनारे लगाने वाले रेहड़ी पटरी वालों को स्थाई ठिकाना दे सके।


