वाहन हैं बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण : डॉ. भूरेलाल
डॉ. भूरेलाल ने पर्यावरण संरक्षण और सुधार से जुड़े तथ्यों पर प्रकाश डाला

नोएडा, । लगातार बढ़ रहे प्रदूषण व ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से पूरी दुनिया परेशान है। मगर इसको कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इसी को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट व नोएडा मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा सेक्टर-62 स्थित एनएमए हाउस में शुक्रवार को किया गया। जिसमें इप्का के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
डॉ. भूरेलाल ने पर्यावरण संरक्षण और सुधार से जुड़े तथ्यों पर प्रकाश डाला। एनआईपीएम दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष व यूफ्लेक्स लिमिटेड के कार्पोरेट व लीगल मामले के प्रेसिडेंट दिनेश जैन ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियां, कानून व न्यायालय पर्यावरण को सुधारने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जब तक हम सब एक साथ मिलकर इसके लिए प्रयास नहीं करेंगें तब तक सफलता नहीं मिलेगी। डॉ. भूरे लाल ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे पहले हमें अपने जीने के तरीके को बदलना होगा। देश में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। पेपर की डिमांड पूरी करने के लिए पेड़ कट रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक आइटम से प्रदूषण बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत प्रदूषण सड़क पर चलने वाले वाहनों के कारण है। उसके बाद आता है नंबर उद्योगों कारखानों का जिसके कारण 30 प्रतिशत प्रदूषण होता है। इसके अलावां घरों में जलने वाली बिजली, चूल्हे व धूल भी प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं।
कैसे रोकें प्रदूषण
प्रदूषण को रोकने के लिए शाकाहारी बनें। मांसाहारी भोजन के तैयार होने में बहुत पानी खर्च होता है। यातायात के लिए पब्लिक ट्रांसर्पोट का इस्तेमाल करें। सोलर एनर्जी का प्रयोग करें। एलइडी लाइट का इस्तेमाल करें। एसीए फ्रिज, वाशिंग मशीन के ज्यादा प्रयोग करने से बचें।
ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगायें। किसान पराली को ना जलायें इससे खाद बनती है।


