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किसानों को जेल में डालने पर गर्व महसूस करती हैं वसुंधरा राजे: सचिन पायलट

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा पर सवाल उठाया

किसानों को जेल में डालने पर गर्व महसूस करती हैं वसुंधरा राजे: सचिन पायलट
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जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा पर सवाल उठाते हुये है पूछा कि क्या वह बीकानेर संभाग के किसानों पर अपने हक का पानी और फसल का समर्थन मूल्य मांगनेे पर लाठियां भांजने एवं उन्हें जेल में डालने पर गौरव महसूस करती हैं।

पायलट ने गौरव यात्रा के औचित्य पर सवालों की कड़ी में आज सत्रहवां प्रश्न पूछते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जिस लूणकरणसर से अपनी बीकानेर संभाग की यात्रा शुरू कर रही हैं उसी जगह जुलाई 2017 में भाजपा सरकार ने पानी की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था, जिससे 50 से अधिक किसान घायल हो गए थे। उन्होंने कहा कि किसानों पर सरकार ने मुकदमें भी दर्ज कर रखे है। उन्होंने कहा कि पोंग बांध में पिछले वर्षों की तुलना के बराबर या अधिक पानी होने के बावजूद इंदिरा गांधी नहर सिस्टम के किसान चार में एक, तीन में एक और चार में दो बारी पानी के विवेकहीन सरकारी निर्णयों से त्रस्त है ।

इसी तरह बज्जू, खाजूवाला, घड़साना, अनूपगढ़, विजयनगर, सूरतगढ़, लूणकरणसर, नोहर, तारानगर, सरदारशहर में आंदोलन करते रहे लेकिन सिंचाई मंत्री के बीकानेर संभाग से होने के बावजूद किसानों की फसल को पूरा पानी नहीं मिल रहा जिसकी वजह से फसल की पूरी बुवाई नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कुम्भाराम आर्य लिफ्ट कैनाल क्षेत्र के किसान तारानगर में तो अमरसिंह ब्रांच के किसान नोहर में लगातार धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार किसानों की परेशानी को अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि एटा-सिंगरासर, सुई ब्रांच के निर्माण के लिए सबसे लंबा किसान आंदोलन चला पर चुनाव से पहले आश्वासन देने वाली भाजपा सरकार अपने वादे से मुकर गई।

उन्होंने कहा कि किसानों की केवल कुछ फसलों का 10 से 15 प्रतिशत उत्पादन समर्थन मूल्य पर पर खरीदा गया उसमें भी किसानों को पंजीकरण से लेकर सरकारी एजेंसियों में भ्रष्टाचार के बोलबाले से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हालात लगभग ऐसे है कि किसानों को अपनी 85 से 90 प्रतिशत उपज को मंडियों में बेहद कम दामों में बेचनी पड़ी है। उन्होनें कहा कि इतना ही नहीं तीन से चार महीनों तक बिकी फसल का भुगतान नहीं होने से किसान आर्थिक रूप से और अधिक कमजोर हो गए है।

पायलट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा बीमा प्रीमियम की राशि बढ़ाये जाने को किसान विरोधी कदम बताया है। उन्होंने कहा कि ग्वार, धान जैसी फसलों की प्रीमियम राशि को लगभग दुगुना कर दिया गया है और कपास की प्रीमियम राशि 1490 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 4040 रुपये कर दी गई है। कपास की प्रीमियम राशि में सरकारी हिस्सेदारी को समाप्त कर किसान पर पूरा बोझ डाल दिया गया है।


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