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वसुंधरा परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं हुई थीं, पीएम की जयपुर रैली में उनकी मौजूदगी पर संशय

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राज्य में पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल नहीं होने से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य लोगों के मन में भी सवाल है कि क्या वरिष्ठ भाजपा नेत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी जयपुर रैली में शामिल होंगी

वसुंधरा परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं हुई थीं, पीएम की जयपुर रैली में उनकी मौजूदगी पर संशय
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जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राज्य में पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल नहीं होने से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य लोगों के मन में भी सवाल है कि क्या वरिष्ठ भाजपा नेत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी जयपुर रैली में शामिल होंगी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, ऐसे समय में जब भाजपा के दिग्गज नेता यात्रा में शामिल होने के लिए राजस्थान का दौरा कर रहे हैं, वसुंधरा के पिछले 10 दिनों से दिल्ली में रहने से पार्टी में गुटबाजी के हावी होने की अटकलें तेज हो गई हैं, जबकि विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं।

इससे पहले, वसुंधरा को पिछले विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित भाजपा की परिवर्तन यात्रा, सुराज संकल्प यात्रा और अन्य यात्राओं में "अग्रणी भूमिका" निभाते हुए देखा गया था।

इस बार भी जब चार जगहों से परिवर्तन यात्राएं शुरू हुईं तो वह केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंच साझा करती नजर आईं। हालांकि, इसके बाद वह करीब 18 दिनों तक इन यात्राओं से दूर रहीं।

राजस्थान के पूर्व सीएम के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनकी बहू जानलेवा बीमारी से पीड़ित थीं और उनकी हालत गंभीर थी। उनका इलाज दिल्ली में चल रहा है।

दरअसल, भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने पुष्टि की कि परिवर्तन यात्रा शुरू होने से पहले भी वसुंधरा को चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में स्पष्टता नहीं थी।

इस दुविधा के बावजूद, जब यात्रा शुरू हुई तो उन्होंने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया।

यहां तक कि उन्होंने दिल्ली से आए नेताओं से अपनी भूमिका के बारे में सवाल भी पूछे, लेकिन उन्हें कोई संकेत या जवाब नहीं मिला।

उनके करीबी सूत्रों ने दावा किया कि वह केंद्रीय नेतृत्व से "थोड़ी निराश" थीं।

हैरानी की बात यह है कि वसुंधरा अपने गृह क्षेत्र झालावाड़ में भी इस यात्रा से दूरी बनाए रहीं।

झालावाड़ में इसी यात्रा में शामिल होने आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी वसुंधरा की गैरमौजूदगी पर सवाल पूछा गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि "सब ठीक है"।

इससे पहले प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने 15 सितंबर को नागौर दौरे के दौरान पार्टी में गुटबाजी की अटकलों से इनकार किया था और कहा था कि वसुंधरा जल्द दिखेंगी।

सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान चुनाव से सीधे तौर पर जुड़े दिल्ली के शीर्ष नेताओं और वसुंधरा राजे के बीच एक खालीपन पैदा हो गया है।

इस 'गतिरोध' को देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि क्या वसुंधरा 25 सितंबर को जयपुर में पीएम मोदी की रैली में शामिल होंगी?

भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा का समापन 25 सितंबर को जयपुर में होगा।

इस बीच, राजस्थान में चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नारायण पंचारिया ने आईएएनएस को बताया, "वसुंधरा हमारी वरिष्ठ नेता हैं और वास्तव में वह झारखंड में पार्टी के महासंपर्क अभियान की प्रभारी थीं, जहां उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वह पार्टी की वरिष्ठ सदस्य हैं और पार्टी में अपना पूरा सहयोग दे रही हैं।"


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