वाराणसी के लकड़ी खिलौना उद्योग व्यापारियों की पीएम मोदी से मांग, लकड़ियां सस्ती हों
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को आने वाला है। इस बजट पर लकड़ी के खिलौना उद्योग व्यापारियों की भी नजर है

वाराणसी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को आने वाला है। इस बजट पर लकड़ी के खिलौना उद्योग व्यापारियों की भी नजर है। व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि महंगी लकड़ियां सस्ती हों, ताकि उनको उद्योग में बचत हासिल हो सके। सस्ती लकड़ियों के अभाव में ये उद्योग संकट का सामना कर रहा है।
एक खिलौना व्यापारी ने कहा, इस समय बाजार की स्थिति डाउन है, एक-दो महीने बाद बाजार चालू हो जाएगा। सस्ती लकड़ी खोजने के लिए कई कारीगर बहुत दूर-दूर तक जाते हैं और ऐसा करने से जोखिम बढ़ जाता है और काम भी प्रभावित होता है।
लकड़ी के खिलौने से जुड़े एक और व्यक्ति का कहना है कि जब प्रधानमंत्री ने लकड़ी के कारोबार पर ध्यान दिया था तो ये कारोबार बढ़ रहा था। लेकिन एक साल से लकड़ी का कारोबार खत्म होने जा रहा है। सबसे पहला काम लकड़ी की व्यवस्था करने का है। सस्ती लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही कारीगरों के लिए बिजली की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए और टैक्स में भी छूट देना चाहिए।
बता दें वाराणसी में लकड़ी के खिलौने का उद्योग काफी बड़ा है और यहां के उत्पादों की मांग भी काफी ज्यादा रहती है। यहां के कारीगर लकड़ी से खिलौने व अन्य उत्पाद तैयार करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से सांसद हैं। यहां लकड़ी खिलौना उद्योग में तब काफी उछाल आया था, जब श्री काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल की मांग काफी बढ़ गई थी। प्रधानमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था, इसके चलते धाम के लकड़ी के मॉडल का काफी प्रचार हुआ था। विदेशों से भी इसकी डिमांड आ रही थी।


