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वैष्णव दंपती को उच्च न्यायालय से राहत

शासन एवं डीजीपी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए पत्रकार दंपत्ति पर बिना जांच किए ही राजनीतिक दबाव पर 153 क (ख) का झूठा मामला दर्ज किए जाने के विरुद्ध पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता आरती एवं भूपेंद्र

वैष्णव दंपती को उच्च न्यायालय से राहत
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खरसिया। शासन एवं डीजीपी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए पत्रकार दंपत्ति पर बिना जांच किए ही राजनीतिक दबाव पर 153 क (ख) का झूठा मामला दर्ज किए जाने के विरुद्ध पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता आरती एवं भूपेंद्र वैष्णव को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है।

गणेश विसर्जन के दौरान 3 सितंबर को डीजे बजाने पर उपजे विवाद ने बेवजह ही तूल पकड़ लिया था। दोनों पक्षों में हुई तनातनी के बीच राजनैतिक घुसपैठियों ने मामले को मारवाड़ी वर्सेस छत्तीसगढ़िया बना डाला था, जिसकी गूंज रमन सिंह तक पहुंची और उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच हेतु वैष्णव दंपत्ति को आश्वासन दिया।

यूं तो इस सामान्य विवाद को अब दोनों पक्ष समाप्त करना चाहते हैं, परंतु चंद लोगों ने इसे अपना प्रेस्टीज-इशू बना लिया है, जो मामले को बेवजह ही विकृत कर रहे हैं। वहीं कानून की अपनी प्रक्रिया है। जिंदगी के रंगमंच पर, इतनी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें। कुछ ऐसी ही मनोभावना लिए सामाजिक कार्यकर्ता आरती वैष्णव एवं भूपेंद्र वैष्णव सतत अपने सामाजिक कार्य में लगे हुए हैं।

वहीं उन्होंने कानून के प्रति अपनी आस्था जताते हुए कहा कि आज के दौर में कानून की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास तो किया जाता है, परंतु सत्य की लड़ाई लड़ने वाले अंतत: विजयी होते हैं। आपको बताएं की वैष्णव दंपत्ति द्वारा शीघ्र ही एक गरीब बेटी का कन्यादान किया जाना है, जिसकी तैयारियों में वे व्यस्त हैं।


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