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वाघेला तीसरे मोर्चे के तौर पर चुनाव लडे़गे

शंकरसिंह वाघेला ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के तीसरे विकल्प के तौर पर उतरने की तैयारी कर रहे एक नये मोर्चे जन विकल्प को समर्थन देने की आज घोषणा की

वाघेला तीसरे मोर्चे के तौर पर चुनाव लडे़गे
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अहमदाबाद। गुजरात के दिग्गज नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के तीसरे विकल्प के तौर पर उतरने की तैयारी कर रहे एक नये मोर्चे जन विकल्प को समर्थन देने की आज घोषणा की, हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह स्वयं चुनाव नहीं लडेंगे। गत 21 जुलाई को अपने 77 वें जन्मदिवस पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष पद छोडने तथा पार्टी से नाता तोडने वाले वाघेला ने आज कहा कि वह 21 सितंबर को नवरात्रि के पहले दिन से चुनाव अभियान की शुरूआत अंबाजी से करेंगे। कांग्रेस चुनाव नहीं जीतने वाली और 20 साल के भाजपा के शासन के प्रति भी लोगों में नाराजगी है।

नया मोर्चा सभी 182 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का प्रयास करेगा। इनका चयन स्थानीय जनता के माध्यम से स्वयंसेवियों की ओर से भेजे गये तीन नामों में से किया जायेगा। जनविकल्प कोई पार्टी नहीं बल्कि तीसरा मोर्चा होगा, इसके जरिये आप, भाजपा या कांग्रेस के अच्छे प्रत्याशी को भी समर्थन देते हुए अपना प्रत्याशी बताया जा सकता है। इसका कोई एक चुनाव चिन्ह भी नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं बल्कि एक माेर्चे से जुडे हैं। इससे जुडे लोगों ने कुछ बिंदुओं पर जनता से सर्वे किया जिसमें लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के अहमद पटेल अथवा मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बेहतर माना है। देश में लोकतंत्र होने के बावजूद दलों में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है और ये आलाकमान की व्यवस्था से चलते हैं। जनविकल्प इसके उलट एक प्रयोग है।

वह नकारात्मक राजनीति नहीं करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी अथवा राहुल गांधी पर व्यक्तिगत आक्षेप न कर उनकी सरकारों पर ही टिप्पणी करेंगे। जनविकल्प में जनता से जुडे मुद्दों पर आधारित सिद्धांत को स्वीकार करने वाले सभी का स्वागत होगा चाहे वह किसी भी दल का हो। राज्य में सबसे अधिक युवाओं और महिलाओं के मुद्दों के समाधान की जरूरत है।

वाघेला ने कहा कि जनविकल्प ने पाटीदार अारक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अथवा ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर से न तो संपर्क किया है न ही उन दोनो ने इससे कोई संपर्क किया है।

जन विकल्प जाति आधारित राजनीति का समर्थक नहीं है। यह गैर आरक्षित वर्गों के आर्थिक रूप से कमजाेर लोगों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधानसभा और संसद की मदद से कानून बनाने का समर्थक है। यह आरक्षण मौजूदा साढे उन्चास प्रतिशत के अतिरिक्त होगा। तमिलनाडु में ऐसी व्यवस्था है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस छोड कर भाजपा में जाने वाले विधायक उनके इशारे पर नहीं गये बल्कि पार्टी ने उनकी बात न सुनकर एक तरह से उन्हें धक्का मार कर भाजपा में भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र महेन्द्रसिंह वाघेला भाजपा में जायेंगे या नहीं यह उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस में आपसी फिक्सिंग का भी आरोप लगाया और कहा कि उनका मोर्चा भाजपा की बी टीम नहीं है बल्कि खुद ही एक टीम जिसकी बी टीम भाजपा और सी टीम कांग्रेस है।

जनविकल्प अमेेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली जैसा सीधी जनभागीदारी का प्रयोग होगा। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक राज्य में तीसरा मोर्चा है और जनविकल्प गुजरात में ऐसी भूमिका निभायेगा।


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