वाड्रा ने ईडी की याचिका का किया विरोध
रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी टीम ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दाखिल याचिका का विरोध किया

नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी टीम ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दाखिल याचिका का विरोध किया। टीम ने कहा कि उन्होंने (वाड्रा) हमेशा से एजेंसी का सहयोग किया है। रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की अदालत में वाड्रा के वकील ने बताया कि वाड्रा के खिलाफ आरोपों के समर्थन में किसी सामग्री के नहीं मिलने पर ईडी बेवजह के मुद्दों की जांच कर रही है।
मामला कथित तौर पर वाड्रा द्वारा लंदन में 19 लाख पाउंड की संपत्ति की खरीद में धनशोधन से जुड़ा हुआ है। रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति हैं।
वाड्रा के वकीलों ने कहा कि ईडी की उनके देश से भाग जाने की आशंकाएं निराधार हैं। वाड्रा ईडी द्वारा उनकी जांच की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद स्वैच्छिक तौर पर लौट कर आए हैं।
वकील ने कहा कि वाड्रा स्वेच्छा से ईडी के समक्ष पेश हुए, यहां तक कि उन्हें सम्मन दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि ईडी वाड्रा की तरफ से असहयोग का एक उदाहरण अदालत के समक्ष पेश नहीं कर सकती।
वाड्रा की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल द्वारा साक्ष्यों से छेड़छाड़ का कोई खतरा नहीं है। ईडी ने उनसे जुड़े हर दस्तावेज को जब्त किया है।
इसमें दावा किया गया कि किसी भी आरोप में यह नहीं कहा गया है कि वाड्रा ने किसी भी साक्ष्य या गवाह से छेड़छाड़ की।
वाड्रा की विदेश में कोई संपत्ति नहीं है और न ही भारत के बाहर किसी संपत्ति के लाभार्थी है।
आरोपों का जवाब देते हुए यह दावा किया गया कि वाड्रा ने कभी कोई रिश्वत नहीं ली या न कोई सौदा किया। इसमें कहा गया कि ईडी अदालत व जनता के दिमाग में प्रतिकूल प्रभाव बनाने की कोशिश कर रही है।


