जानलेवा बीमारियों पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण में आएगी तेजी
मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियेां के साथ हाल में हुई बैठक में मौजूदा गति को तेज करने के निर्देश देते हुए तय किया है कि अब इंद्रधनुष कार्यक्रम को पूरा करने का लक्ष्य 2020 नहीं 2018 होगा

अनिल सागर
नई दिल्ली। काली खांसी, गलें के संक्रामक रोग, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा, हेपेटाइटिस-बी व जापानी बुखार जैसे जानलेवा बीमारियों से निपटने के लिए भारत सरकार के चल रहे इंद्रधनुष टीकारण अभियान को अब गति देने के लिए एनसीसी, पंचायत, आशा और नेहरू युवा केन्द्र केंद्र स्वयंसेवकों को जोड़ा जाएगा। पहली बार गैर-स्वास्थ्य मंत्रालय जैसे ग्रामीण विकास, पंचायत राज, महिला और अन्य गैर-स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ मिलकर देश भर में बच्चों को अगले साल तक कम से कम 90 प्रतिशत टीकाकरण कर लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियेां के साथ हाल में हुई बैठक में मौजूदा गति को तेज करने के निर्देश देते हुए तय किया है कि अब इंद्रधनुष कार्यक्रम को पूरा करने का लक्ष्य 2020 नहीं 2018 होगा। अगले साल तक उन जिलों में टीकारण को पूर्ण रूप से किया जाएगा जिन 201 जिलों में टीकाकरण की दर 50 प्रतिशत तक है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीमारियों से रक्षा के लिए टीकाकरण की दर करीबन 65 प्रतिशत है और पांच साल तक के लगभग 35 प्रतिशत (9.46 मिलियन) बच्चे या तो बिना टीका के रह जाते हैं अथवा उनका आंशिक तौर पर ही टीकाकरण हो पाता है। जिससे भविष्य में उन्हें इन जानलेवा बीमारियों से जूझना पड़ता है।
शहरी झुग्गी झोपड़ी इलाकों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों व विशेषकर पिछड़े जिलों के ग्रामीण इलाकों में सघन अभियान चलाया जाएगा।
उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अक्टूबर से चार महीने के एक विस्तृत इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान कार्यक्रम को शुरू करेगा जो कि पिछड़े व प्रभावित क्षेत्रों में सप्ताह के सभी सातों दिन चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के 85 चिन्हित जिलों में एक वर्ष से 23 माह के बच्चों को कम से कम 82 प्रतिशत टीकाकरण सफलता पूर्वक किया जाएगा।
दिसम्बर 2014 में शुरू किए इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान में सात जानलेवा बीमारियों से निपटने के लिए निशुक्ल टीके लगाए जाते हैं। मिशन का चौथा चरण चल रहा है और पिछले बार की गई समीक्षा के बाद कुल करीबन सात प्रतिशत प्रगति को देखते हुए ही प्रधानमंत्री कार्यालय को सीधे कमान सौंपते हुए कहा गया है कि पीएमओ की निगरानी में शहरी झुग्गी झोपड़ी, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, छोटे गांव, खानाबदोश समुदाय के लोगों में व सुदूर ग्रामीण आबादी तक पहुंचने के लिए विभिन्न मंत्रालय व स्वंयेसवकों के जरिए अगले साल तक हर हाल में कम से कम 90 प्रतिशत टीकाकरण पूरा किया जाए।


