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उत्तरकाशी आपदा : केंद्र और राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य में झोंकी ताकत, युद्धस्तर पर जारी अभियान

उत्तराखंड के आपदा प्रभावित धराली इलाके में राहत और बचाव अभियान में केंद्र के साथ राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं

उत्तरकाशी आपदा : केंद्र और राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य में झोंकी ताकत, युद्धस्तर पर जारी अभियान
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उत्तरकाशी। उत्तराखंड के आपदा प्रभावित धराली इलाके में राहत और बचाव अभियान में केंद्र के साथ राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत और बचाव अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी भी बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुए। उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया और राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी मुलाकात की।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचाएं। सीएम धामी ने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए सामान्य स्थिति बहाल करनी है।

इधर, राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 2 चिनूक और 2 एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में भारतीय सेना के 125 सैनिक और आईटीबीपी के 83 जवान लगे हुए हैं। बीआरओ के 6 अधिकारी और सौ से अधिक मजदूर बाधित सड़कों को खोलने के काम में जुटे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।

सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर बनाए हैं। क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में जुट गई है। राज्य सरकार ने मंगलवार को ही अधिकारियों की एक टीम उत्तरकाशी भेजी, जिसमें तीन आईएएस, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे।


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