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उत्तराखंड : चमोली में भूस्खलन से मकानों में दरार, अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन

उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर मुख्यालय के समीप ब्रह्मसैन क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है

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चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर मुख्यालय के समीप ब्रह्मसैन क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। भारी बारिश के कारण करीब डेढ़ सौ मीटर लंबी सड़क पूरी तरह धंस गई है, जिसके चलते आसपास के आवासीय मकानों में दरारें पड़ गई हैं। प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है और कई परिवार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि जनपद में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है।

उन्होंने कहा, “हमने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की पूरी जानकारी शासन को दी है। भारत सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ टीम जल्द ही चमोली पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी और क्षति का आकलन करेगी।”

जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा चुके हैं। भारत सरकार की टीम के दौरे के बाद नुकसान का सटीक आकलन होगा, जिसके आधार पर पुनर्वास और मरम्मत कार्य शुरू किए जाएंगे।

ब्रह्मसैन में सड़क के धंसने से न केवल यातायात व्यवस्था ठप हो गई है, बल्कि आसपास के मकानों की नींव भी कमजोर हो गए हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे उनके घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। कुछ परिवारों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है।

वहीं, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें। भारत सरकार की टीम के दौरे और क्षति आकलन के बाद क्षेत्र में राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।


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