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उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है : हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है

उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है : हरीश रावत
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हरीश रावत का आरोप- उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया है

  • सीबीआई नोटिस पर रावत का तंज-चुनाव आते ही ‘दोस्त’ सक्रिय हो जाते हैं
  • देहरादून आपदा पर चिंता, हरीश रावत ने सरकार की तैयारी पर उठाए सवाल

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है।

हरीश रावत ने कहा, "उत्तराखंड की सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है। सत्ता के तहत जब भ्रष्टाचार होता है, तो वो शिष्टाचार माना जाता है। विपक्ष में होने पर सही आवाज उठाने पर भी भ्रष्टाचारी माना जाता है।"

सीबीआई का नोटिस मिलने पर हरीश रावत ने कहा, "वे हमारे दोस्त हैं, जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, वे हमारे पास आते हैं। इस बार भी आए हैं और हम उनके सम्मान का सम्मान करेंगे। मैंने उनसे अक्तूबर में मिलने का आग्रह किया है। ये सब चलता रहता है, लेकिन अब बहुत हो गया है। मुझे लगा था कि उम्र हो चली है और मुझे शायद छुटकारा इन चीजों से मिल जाए, लेकिन हमारे दोस्त हमारा सम्मान करना चाहते हैं। उनका स्वागत है।"

सिर्फ कांग्रेस नेताओं के पास ही सीबीआई और ईडी के नोटिस आने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा, ऐसे बहुत से नेता हैं, जिन्हें भाजपा महाभ्रष्ट कहती थी। आज वे सभी नेता भाजपा का हिस्सा हैं और उन्हें जैसे क्लीन चीट दे दी गई है। भाजपा के वाशिंग मशीन में बड़ी ताकत है।

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड आपदा से जूझ रहा है। देहरादून की आपदा हमें बहुत सारी चेतावनी एक साथ दे रही है। अभी तक आपदा पहाड़ों में आ रही थी। 2013 में भी आपदा आई थी, देहरादून में उसका असर नहीं दिखा था। मगर इस बार देहरादून को बड़ा नुकसान हुआ है। देहरादून की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सरकार और यहां स्थित बड़ी-बड़ी संस्थाओं द्वारा कोई रणनीति नहीं बनाई गई है।

अधिकारी अगर मंत्रियों के फोन नहीं उठा रहे हैं। इसका अर्थ है शासन प्रभावहीन हो चुका है।

उन्होंने कहा, अधिकारी अगर मंत्रियों के फोन नहीं उठा रहे हैं। इसका अर्थ है शासन प्रभावहीन हो चुका है। मुख्यमंत्री आपदा के बाद दौरा कर रहे हैं, अच्छी बात है लेकिन बड़े पैमाने पर टूटे पुलों का कारण क्या है। क्या वे कमजोर ही बनाए गए थे। इसका जवाब सरकार को देना होगा।


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